Sunday, April 2, 2017

Ye Jeevan Hai : Sanskrit Version (Lyrics जीवनमित्थम् : Dr. Harekrishna Meher): Vaartaavali-DD News

‘Ye Jeevan Hai’ (ये जीवन  है) 
Hindi Song from Film ‘Piyaa Ka Ghar’.
*
Sanskrit Version By:  Dr. Harekrishna Meher 
(जीवनमित्थम्, जीवनस्यास्य, इदं वै, इदं वै, इदं वै, रङ्ग-रूपम् ।
*
गीतस्वरानुकूल-संस्कृतानुवादः -  डॉ. हरेकृष्ण-मेहेर: 
*
Winner in Sanskrit Lyric Translation Competition conducted by 
‘Sanskrit Vaartaavali’ Magazine Program of DD NEWS Channel, Delhi. 
Telecast on Saturday, 1 April 2017 at 5.30 pm.
Courtesy : ‘Vaartaavali’, DD NEWS, Delhi. 
= = = = = = = = = 

Original Hindi Song : ‘Ye Jeevan Hai’
Sanskrit Version Song  'Jivanamittham' 
Sanskrit Lyrics : Dr. Harekrishna Meher
Singer : Rajesh Upadhyay (Gurugram) 
*
Sanskrit Version Song Video: Harekrishna Meher : YouTube Link :
= = = = = = = 
Videos of Dr. Harekrishna Meher : Link : 

Another Video of Rajesh Upadhyay (New Delhi): YouTube Link : 
*
Vaartaavali : YouTube Link : 1/4/2017
= = = = = = = = =

गीतस्वरानुकूल-संस्कृतानुवादकः  - डॉ. हरेकृष्ण-मेहेरः
= = = = = = = = =
जीवनमित्थम्जीवनस्यास्य
इदं वै, इदं वै, इदं वै, रङ्ग-रूपम् ।
किञ्चिद् दुःखम् , किञ्चित् सौख्यम्,
इदं वै, इदं वै, इदं वै, छाया-तापम्
जीवनमित्थम् ।। ()  
*
मा विचिन्तयास्मिन् विजयः, स्वोऽस्ति वा पराजयः ।
त्वया सैव स्वीकर्त्तव्याजीवन-रीति-र्हि  या ।  
त्यज निर्बन्धम्, मा भङ्ग्धि त्वम्,
मुकुरं प्रतिमुहूर्त्तम् । जीवनमित्थम्  ()
*
न धनेन  नो लोकेनन गृहेण  द्वारेण । 
श्वासस्य दाम हि बद्धम्, प्रेम्णा वै प्रेमिणः ।
वियुतो लोकःकिन्तु न छिन्नः,   
किंरूपो बन्धोऽयम् । जीवनमित्थम्  ()  
= = = = = = 

Original Hindi Song : ‘Ye Jeevan Hai’
Film : Piyaa Ka Ghar (1972)
Lyrics : Anand Bakshi
Music : Laxmikant Pyarelal
Singer : Kishore Kumar
Hindi Song Video: Youtube Link :
= = = = = = = = = 

हिन्दी-गीत :  ये जीवन  है  *  
चलचित्र : पिया का घर (१९७२)  * 
= = = = = = = = = = = = 
ये जीवन  है, इस जीवन का,
यही है, यही है, यही है, रंग-रूप
थोड़े गम हैंथोड़ी खुशियाँ,
यही है, यही है, यही है, छांव-धूप
ये जीवन  है ()
*
ये सोचो इसमें अपनीहार है कि जीत है
उसे अपना लो जो भीजीवन की रीत है
ये जिद छोड़ो, यूँ ना तोड़ो
हर पल इक दरपन  है  ये जीवन  है ()
*
धन से दुनिया से,  घर से द्वार से  
साँसों की डोर बन्धी हैप्रीतम के प्यार से
दुनिया छूटे, पर ना टूटे,
ये कैसा बन्धन  है  ये जीवन  है ()
= = = = = = = = = =

Related Link :
‘Chalachitra-Gita-Sanskritaayanam’: चलचित्र-गीत-संस्कृतायनम्  :
Link : 
= = = = = = = = 

No comments:

Post a Comment