Saturday, December 23, 2017

‘Khilte Hain Gul Yahaan’ Song: Sanskrit Version (Lyrics: सुस्मितमिह सूनम्): Dr. Harekrishna Meher : DD News Vaartavali

Original Hindi Film Song : खिलते हैं गुल यहाँ 
‘Khilte Hain Gul Yahaan’ : Film ‘Sharmilee’ (1971) 
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Sanskrit Translation by :  Dr. Harekrishna Meher
(As per Original Hindi Tune)
Sanskrit Version Lyrics : सुस्मितमिह सूनम् , स्मितमिदं विकृतये  *  
“Susmitamiha Sunam, Smitamidam Vikrtaye”  
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Sanskrit Singer : Rajesh Upadhyaya (Gurugram)  
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YouTube Video Link : HKMeher Channel : 
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Winner in Sanskrit Lyric Translation Competition Sanskrit Singer 
conducted by Sanskrit Vaartaavali, DD News Channel, Delhi.
Program telecast on Saturday, 23 December 2017 at 7 pm.
Repeated also on Sunday, 24 December 2017 at 12.30 pm.         
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Vaartavali: Full Episode : YouTube Link :
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Vaartvavali: Complete Sanskrit Version Song: FaceBook Link : 
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मूलहिन्दी-गीत : खिलते हैं गुल यहाँ  *    
चलचित्र : शर्मीली (१९७१)  *
मूलस्वरानुकूल-संस्कृतानुवादकः - डॉहरेकृष्ण-मेहेर:
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सुस्मितमिह सूनम् , स्मितमिदं विकृतये । 
मेलनमिह हृदाम् , मिलितं हि वियुतये । 
सुस्मितमिह सूनम्  ()
*
श्वो भवेन् नाथवाएष ऋतुः प्रेमदः ।  
श्वो रोधिता न वादोला वासन्तिका ।
प्रेम्णि यापयाद्य यत् , आप्यते चतुष्पलम्   
सुस्मितमिह सूनम् , स्मितमिदं विकृतये ।
सुस्मितमिह सूनम्  (
*
भाति ह्रदाधरम्जीमूत-रागि वै ।   
वक्षसि सूनानाम् , शीत-शीत-पावकः । 
दर्पणे हृदस्त्वया, बिम्ब एष धार्यताम्   
सुस्मितमिह सूनम् , स्मितमिदं विकृतये ।
सुस्मितमिह सूनम्  (
*
हृत् प्रिये ! तर्षितम् , तर्षितेयं निशा । 
अस्फुरन्त्यधरयोः, मधुरा काचिद् गिरा ।
एष्वद्य क्षणेषु  तेहर्षमर्पयाखिलम् ।
सुस्मितमिह सूनम् , स्मितमिदं विकृतये ।  
मेलनमिह हृदाम् , मिलितं हि वियुतये । 
सुस्मितमिह सूनम्  (
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HKMeher FaceBook Link :
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Original Hindi Song : खिलते हैं गुल यहाँ  *
Film : ‘Sharmilee’ (1971) *    
Hindi Lyricist :  Neeraj *
Music Director :  Sachin Dev Burman *
Singer :   Kishore Kumar * 
Hindi Sing: YouTube : https://www.youtube.com/watch?v=HBgKPyi1aXA
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खिलते हैं गुल यहाँ, खिलके बिखरने को ।
मिलते हैं दिल यहाँ, मिलके बिछड़ने को
खिलते हैं गुल यहाँ  ॥ ()
*
कल रहे ना रहेमौसम ये प्यार का  ।
कल रुके न रुकेडोला बहार का ।
चार पल मिले जो आज, प्यार में गुज़ार दे । 
खिलते हैं गुल यहाँ   ()
*
झीलों के होंठों परमेघों का राग है ।  
फूलों के सीने मेंठंडी-ठंडी आग है ।
दिल के आइने में तूये समाँ उतार  ले ।
खिलते हैं गुल यहाँ  (
*
प्यासा है दिल सनमप्यासी ये रात है ।  
होंठों में दबी-दबीकोई मीठी बात है । 
इन लम्हों पे आज तूहर खुशी निसार दे ।
खिलते हैं गुल यहाँ, खिलके बिखरने को ।
मिलते हैं दिल यहाँ, मिलके बिछड़ने को
खिलते हैं गुल यहाँ  ॥ (
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Related Links :
‘Chalachitra-Gita-Sanskritaayanam’: चलचित्र-गीत-संस्कृतायनम्  : 
(Anthology of Sanskrit Versions of Film Songs) 
Link : 
* * *   
Biodata: Dr. Harekrishna Meher :
* * * 
YouTube Videos (Search): Dr. Harekrishna Meher:
* * * 
VIDEOS of Dr. Harekrishna Meher :  
Link : 
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