Original Hindi Film Song : ‘Dhire Dhire Machal, Ae Dile-Bekarar !’ *
धीरे
धीरे मचल, ऐ दिले-बेकरार ! *  (Film ‘Anupama’ 1966)  
*
Sanskrit Translation by
: Dr. Harekrishna Meher
(As per Original Hindi
Tune)
Sanskrit
Version Lyrics :
मन्दं
मन्दं भवेः, लोल-हृदय ! व्यग्रम् । *   
‘Mandam Mndam Bhaveh, Lola-Hridaya
! Vyagram’   
*
Participated
in Sanskrit Lyric Translation Competition 
Conducted
by Sanskrit Vaartaavali, DD News Channel, Delhi. 
Name
enlisted in the Program Telecast on 20 October 2018, Saturday at 7 pm 
and Retelecast on 21 October 2018 at 12.30 pm.
and Retelecast on 21 October 2018 at 12.30 pm.
*
For
pleasure of reading, my translation, not selected, is placed here. 
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हिन्दीगीतम्
: धीरे
धीरे मचल, ऐ दिले-बेकरार * 
चलचित्रम्
: अनुपमा (१९६६) * 
मूलस्वरानुकूल-संस्कृतानुवादकः - डॉ.
हरेकृष्ण-मेहेरः  
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मन्दं
मन्दं भवेः,  लोल-हृदय ! व्यग्रम् ।  
मन्दं
मन्दं भवेः, लोल-हृदय ! व्यग्रम् । कश्चिदागन्ता । 
इत्थं
व्यथितं मा व्यथय, मुहुर्मुहु-र्माम् । कश्चिदागन्ता । 
मन्दं
मन्दं भवेः, लोल-हृदय ! व्यग्रम् ॥ (०) 
*
तस्योत्तरीय-सौगन्धं  समीरे व्याप्तम्,   
अस्ति
परिवेशे सौम्ये  तत्-पादध्वनिः  ।  
तस्योत्तरीय-सौगन्धं  समीरे व्याप्तम्,  
अस्ति
परिवेशे सौम्ये  तत्-पादध्वनिः  ।  
मया
क्रियतां हि क्रियतां षोड़श-शृङ्गारः । कश्चिदागन्ता ।  
मन्दं
मन्दं भवेः, लोल-हृदय ! व्यग्रम् । कश्चिदागन्ता । 
मन्दं
मन्दं भवेः, लोल-हृदय ! व्यग्रम् ॥ (१) 
*
स्पर्शं
कुर्वन्ति मे  तस्य छायाः नूनम्, 
हृत्-समीपे
हि  शहनायी कुरुते स्वनम् । 
स्पर्शं
कुर्वन्ति मे  तस्य छायाः नूनम्, 
हृत्-समीपे
हि  शहनायी कुरुते स्वनम् । 
मत्स्वप्न-प्राङ्गणे
प्रेम  गाने मग्नम् । कश्चिदागन्ता । 
मन्दं
मन्दं भवेः, लोल-हृदय ! व्यग्रम् । कश्चिदागन्ता । 
मन्दं
मन्दं भवेः, लोल-हृदय ! व्यग्रम् ॥ (२) 
*
मानं
कृत्वादौ  व्यथयिष्यामि यथेच्छम्,   
कृतानुनये
तस्मिन्  प्रसीदामि स्वयम् ।  
मानं
कृत्वादौ  व्यथयिष्यामि यथेच्छम्,   
कृतानुनये
तस्मिन्  प्रसीदामि स्वयम्  ।  
एवंभूते
कदा हृद् वा  स्यादायत्तम् । कश्चिदागन्ता ।
मन्दं
मन्दं भवेः, लोल-हृदय ! व्यग्रम् । कश्चिदागन्ता । 
इत्थं
व्यथितं मा व्यथय, मुहुर्मुहु-र्माम् । कश्चिदागन्ता । 
मन्दं
मन्दं भवेः, लोल-हृदय ! व्यग्रम् ॥ (३) 
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(ज्ञातव्यम् : * सौगन्धम् / सौगन्ध्यम् : उभयं व्याकरण-दृष्ट्या शुद्धरूपम् । सुगन्ध: इत्यर्थ: ।) 
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Original Hindi Song : ‘Dhire Dhire Machal, Ae Dile-Bekarar’ 
Film : Anupama (1966) 
Lyrics : Kaifi Azmi * Music : Hemant
Kumar *  
Singer : Lata Mangeshkar  
* * * 
मूल-हिन्दीगीत : धीरे धीरे मचल, ऐ दिल
ए-बेकरार ! * 
चलचित्र
: अनुपमा (१९६६) * 
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धीरे
धीरे मचल, ऐ दिल ए-बेकरार ! कोई आता है । 
यूँ
तड़पके न तड़पा, मुझे बारबार । कोई आता है । 
धीरे
धीरे मचल, ऐ दिल-ए-बेकरार ! ॥ (०) 
*
उसके
दामन की खुशबू  हवाओं में है, 
उसके
कदमों की आहट  फजाओं में है । 
उसके
दामन की खुशबू  हवाओं में है, 
उसके
कदमों की आहट  फजाओं में है । 
मुझे
करने दे करने दे  सोलह सिंगार । कोई आता है
। 
धीरे
धीरे मचल, ऐ दिल-ए-बेकरार ! कोई आता है । 
धीरे
धीरे मचल, ऐ दिल-ए-बेकरार ! ॥ (१) 
*
मुझको
छूने लगीं  उसकी परछाइयाँ, 
दिल
के नजदीक बजती हैं  शहनाइयाँ । 
मुझको
छूने लगीं  उसकी परछाइयाँ, 
दिल
के नजदीक बजती हैं  शहनाइयाँ । 
मेरे
सपनों के आंगन में  गाता है प्यार । कोई आता
है । 
धीरे
धीरे मचल, ऐ दिल-ए-बेकरार ! कोई आता है । 
धीरे
धीरे मचल, ऐ दिल-ए-बेकरार ! ॥ (२) 
*
रूठके
पहले जी-भर  सताऊंगी मैं, 
जब
मनायेंगे वो  मान जाऊंगी मैं । 
रूठके
पहले जी-भर  सताऊंगी मैं, 
जब
मनायेंगे वो  मान जाऊंगी मैं । 
दिल
पे रहता है ऐसेमें  कब इख्तियार । कोई आता है
। 
धीरे
धीरे मचल, ऐ दिल-ए-बेकरार ! कोई आता है । 
यूँ
तड़पके न तड़पा, मुझे बारबार । कोई आता है । 
धीरे
धीरे मचल, ऐ दिल-ए-बेकरार ! ॥ (३) 
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