Saturday, October 20, 2018

‘Dhire Dhire Machal, Ae Dile-Bekarar !’: Sanskrit Version (Lyrics: मन्दं मन्दं भवेः, लोल-हृदय ! व्यग्रम्): Dr. Harekrishna Meher


Original Hindi Film Song : ‘Dhire Dhire Machal, Ae Dile-Bekarar !’ *
धीरे धीरे मचल, ऐ दिले-बेकरार ! *  (Film ‘Anupama’ 1966) 
*
Sanskrit Translation by : Dr. Harekrishna Meher
(As per Original Hindi Tune)
Sanskrit Version Lyrics : मन्दं मन्दं भवेः, लोल-हृदय ! व्यग्रम् । *  
‘Mandam Mndam Bhaveh, Lola-Hridaya ! Vyagram’  
*
Participated in Sanskrit Lyric Translation Competition
Conducted by Sanskrit Vaartaavali, DD News Channel, Delhi.
Name enlisted in the Program Telecast on 20 October 2018, Saturday at 7 pm 
and Retelecast on 21 October 2018 at 12.30 pm. 
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For pleasure of reading, my translation, not selected, is placed here.
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हिन्दीगीतम् : धीरे धीरे मचल, ऐ दिले-बेकरार * 
चलचित्रम् : अनुपमा (१९६६) *
मूलस्वरानुकूल-संस्कृतानुवादकः - डॉ. हरेकृष्ण-मेहेरः 
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मन्दं मन्दं भवेः,  लोल-हृदय ! व्यग्रम् । 
मन्दं मन्दं भवेः, लोल-हृदय ! व्यग्रम् । कश्चिदागन्ता ।
इत्थं व्यथितं मा व्यथय, मुहुर्मुहु-र्माम् । कश्चिदागन्ता ।
मन्दं मन्दं भवेः, लोल-हृदय ! व्यग्रम् ॥ (०)
*
तस्योत्तरीय-सौगन्धं  समीरे व्याप्तम्,   
अस्ति परिवेशे सौम्ये  तत्-पादध्वनिः   
तस्योत्तरीय-सौगन्धं  समीरे व्याप्तम्, 
अस्ति परिवेशे सौम्ये  तत्-पादध्वनिः   
मया क्रियतां हि क्रियतां षोड़श-शृङ्गारः । कश्चिदागन्ता ।  
मन्दं मन्दं भवेः, लोल-हृदय ! व्यग्रम् । कश्चिदागन्ता ।
मन्दं मन्दं भवेः, लोल-हृदय ! व्यग्रम् ॥ (१)
*
स्पर्शं कुर्वन्ति मे  तस्य छायाः नूनम्,
हृत्-समीपे हि  शहनायी कुरुते स्वनम् ।
स्पर्शं कुर्वन्ति मे  तस्य छायाः नूनम्,
हृत्-समीपे हि  शहनायी कुरुते स्वनम् ।
मत्स्वप्न-प्राङ्गणे प्रेम  गाने मग्नम् । कश्चिदागन्ता ।
मन्दं मन्दं भवेः, लोल-हृदय ! व्यग्रम् । कश्चिदागन्ता ।
मन्दं मन्दं भवेः, लोल-हृदय ! व्यग्रम् ॥ (२)
*
मानं कृत्वादौ  व्यथयिष्यामि यथेच्छम्,  
कृतानुनये तस्मिन्  प्रसीदामि स्वयम् । 
मानं कृत्वादौ  व्यथयिष्यामि यथेच्छम्,  
कृतानुनये तस्मिन्  प्रसीदामि स्वयम्   
एवंभूते कदा हृद् वा  स्यादायत्तम् । कश्चिदागन्ता ।
मन्दं मन्दं भवेः, लोल-हृदय ! व्यग्रम् । कश्चिदागन्ता ।
इत्थं व्यथितं मा व्यथय, मुहुर्मुहु-र्माम् । कश्चिदागन्ता ।
मन्दं मन्दं भवेः, लोल-हृदय ! व्यग्रम् ॥ (३)
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(ज्ञातव्यम् : * सौगन्धम् / सौगन्ध्यम् : उभयं व्याकरण-दृष्ट्या शुद्धरूपम् । सुगन्ध: इत्यर्थ) 
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Original Hindi Song : ‘Dhire Dhire Machal, Ae Dile-Bekarar’
Film : Anupama (1966)
Lyrics : Kaifi Azmi * Music : Hemant Kumar *  
Singer : Lata Mangeshkar  
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मूल-हिन्दीगीत : धीरे धीरे मचल, ऐ दिल ए-बेकरार ! *
चलचित्र : अनुपमा (१९६६) *
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धीरे धीरे मचल, ऐ दिल ए-बेकरार ! कोई आता है ।
यूँ तड़पके न तड़पा, मुझे बारबार । कोई आता है ।
धीरे धीरे मचल, ऐ दिल-ए-बेकरार ! ॥ (०)
*
उसके दामन की खुशबू  हवाओं में है,
उसके कदमों की आहट  फजाओं में है ।
उसके दामन की खुशबू  हवाओं में है,
उसके कदमों की आहट  फजाओं में है ।
मुझे करने दे करने दे  सोलह सिंगार । कोई आता है ।
धीरे धीरे मचल, ऐ दिल-ए-बेकरार ! कोई आता है ।
धीरे धीरे मचल, ऐ दिल-ए-बेकरार ! ॥ (१)
*
मुझको छूने लगीं  उसकी परछाइयाँ,
दिल के नजदीक बजती हैं  शहनाइयाँ ।
मुझको छूने लगीं  उसकी परछाइयाँ,
दिल के नजदीक बजती हैं  शहनाइयाँ ।
मेरे सपनों के आंगन में  गाता है प्यार । कोई आता है ।
धीरे धीरे मचल, ऐ दिल-ए-बेकरार ! कोई आता है ।
धीरे धीरे मचल, ऐ दिल-ए-बेकरार ! ॥ (२)
*
रूठके पहले जी-भर  सताऊंगी मैं,
जब मनायेंगे वो  मान जाऊंगी मैं ।
रूठके पहले जी-भर  सताऊंगी मैं,
जब मनायेंगे वो  मान जाऊंगी मैं ।
दिल पे रहता है ऐसेमें  कब इख्तियार । कोई आता है ।
धीरे धीरे मचल, ऐ दिल-ए-बेकरार ! कोई आता है ।
यूँ तड़पके न तड़पा, मुझे बारबार । कोई आता है ।
धीरे धीरे मचल, ऐ दिल-ए-बेकरार ! ॥ (३)
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