Jāīphula Bāra-Māsī (Oriya Folk Song)
By : Poet Manohar Meher (1885-1969)
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(In this Oriya Folk Song, the tale of love between Gopis and Krishna has been indicated. Gopis, the ladies of Gopa-pura, express their hearty dejection due to separation from Krishna whom Akrura had taken to see Dhanu-Yātrā in Mathurā, the capital of King Kamsa. Thoughts of the ladies in different Twelve Months have been described with an exciting hilarious portrayal of Nature. 'Bāra' means 'twelve' and 'Māsa' means 'month'. Related to Bāra-Māsa (12 Months), the poem is called Bāra-Māsī . 'Jāīphula' (Jātī Flower) is a symbol and style of address in Folk Songs.)
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जाईफुल बारमासी (ओड़िआ गीत)
रचयिता : कवि मनोहर मेहेर
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आद्य मास मार्गशिर, कृष्ण गले मधुपुर ।
आम्भे गोप-नारी होइबुँ काहारि, न देखि मुरलीधर ॥
जाईफुल रे ॥ (१)
पुषे आम्ब बउळिला, शीत काळ आसि हेला ।
आम्भ गळा-हार चोराइ अक्रूर, भण्डि करि धरि नेला ॥
जाईफुल रे ॥ (२)
माघ मासे बड़ जाड़, शीतरे न चळे गोड़ ।
नोहुँ तो बइरी होइलु भगारि, किम्पा देलु एते दण्ड ॥
जाईफुल रे ॥ (३)
फाल्गुने गोबन्द धूळि, गोपे थिले बनमाळी ।
गोपाळुणी तुले राधिका सङ्गरे, फगु खेळन्ति श्रीहरि ॥
जाईफुल रे ॥ (४)
चइत्रे फुटिला मल्ली, हार हार करि माळि ।
गुन्थिलार हार बासि आसि हेला, दिन सरु नाहिँ भाळि ॥
जाईफुल रे ॥ (५)
बइशाखे बड़ खरा, पराण हुए घाबरा ।
कर्पूर चन्दन का अङ्गे बोळिबुँ, छाड़ि गले गिरिधरा ॥
जाईफुल रे ॥ (६)
ज्येष्ठरे पाचिला आम, य़हुँ गले कृष्ण राम ।
किपरि य़शोदा जीबन रखिछि, धिक ता निलज कर्म ॥
जाईफुल रे ॥ (७)
आषाढे गुण्डिचा रथ, बिजे कले जगन्नाथ ।
भाइ भगिनीकि सङ्गतरे घेनि, कि शोभा कमळाकान्त ॥
जाईफुल रे ॥ (८)
श्राबण मासरे जळ, बहिय़ाए खलखल ।
एकाळे य़ुबती नाहिँ य़ार पति, जीबनटा कलबल ॥
जाईफुल रे ॥ (९)
भाद्रबे फुटिला किआ, हरि त हेले निर्दया ।
भाबि भाबि ताङ्क देखा मिळु नाहिँ, किपरि धरिबुँ हिया ॥
जाईफुल रे ॥ (१०)
आश्विने कुआँरी जह्न, जूआ खेळिबाकु मन ।
का सङ्गे खेळिबुँ का सङ्गे बसिबुँ, दश दिग दिशे शून्य ॥
जाईफुल रे ॥ (११)
कार्त्तिक आसि प्रबेश, बार मास हेला शेष ।
कंस मारि कृष्ण लेउटि अइले, कहे मनोहर बैश्य ॥
जाईफुल रे ॥ (१२)
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(Included in the Book 'Jāīphula Rāmāyaņa' of Poet Manohar Meher,
Published in 1929 and later years.)
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Poet Manohar Meher : A Profile :
By : Poet Manohar Meher (1885-1969)
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(In this Oriya Folk Song, the tale of love between Gopis and Krishna has been indicated. Gopis, the ladies of Gopa-pura, express their hearty dejection due to separation from Krishna whom Akrura had taken to see Dhanu-Yātrā in Mathurā, the capital of King Kamsa. Thoughts of the ladies in different Twelve Months have been described with an exciting hilarious portrayal of Nature. 'Bāra' means 'twelve' and 'Māsa' means 'month'. Related to Bāra-Māsa (12 Months), the poem is called Bāra-Māsī . 'Jāīphula' (Jātī Flower) is a symbol and style of address in Folk Songs.)
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जाईफुल बारमासी (ओड़िआ गीत)
रचयिता : कवि मनोहर मेहेर
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आद्य मास मार्गशिर, कृष्ण गले मधुपुर ।
आम्भे गोप-नारी होइबुँ काहारि, न देखि मुरलीधर ॥
जाईफुल रे ॥ (१)
पुषे आम्ब बउळिला, शीत काळ आसि हेला ।
आम्भ गळा-हार चोराइ अक्रूर, भण्डि करि धरि नेला ॥
जाईफुल रे ॥ (२)
माघ मासे बड़ जाड़, शीतरे न चळे गोड़ ।
नोहुँ तो बइरी होइलु भगारि, किम्पा देलु एते दण्ड ॥
जाईफुल रे ॥ (३)
फाल्गुने गोबन्द धूळि, गोपे थिले बनमाळी ।
गोपाळुणी तुले राधिका सङ्गरे, फगु खेळन्ति श्रीहरि ॥
जाईफुल रे ॥ (४)
चइत्रे फुटिला मल्ली, हार हार करि माळि ।
गुन्थिलार हार बासि आसि हेला, दिन सरु नाहिँ भाळि ॥
जाईफुल रे ॥ (५)
बइशाखे बड़ खरा, पराण हुए घाबरा ।
कर्पूर चन्दन का अङ्गे बोळिबुँ, छाड़ि गले गिरिधरा ॥
जाईफुल रे ॥ (६)
ज्येष्ठरे पाचिला आम, य़हुँ गले कृष्ण राम ।
किपरि य़शोदा जीबन रखिछि, धिक ता निलज कर्म ॥
जाईफुल रे ॥ (७)
आषाढे गुण्डिचा रथ, बिजे कले जगन्नाथ ।
भाइ भगिनीकि सङ्गतरे घेनि, कि शोभा कमळाकान्त ॥
जाईफुल रे ॥ (८)
श्राबण मासरे जळ, बहिय़ाए खलखल ।
एकाळे य़ुबती नाहिँ य़ार पति, जीबनटा कलबल ॥
जाईफुल रे ॥ (९)
भाद्रबे फुटिला किआ, हरि त हेले निर्दया ।
भाबि भाबि ताङ्क देखा मिळु नाहिँ, किपरि धरिबुँ हिया ॥
जाईफुल रे ॥ (१०)
आश्विने कुआँरी जह्न, जूआ खेळिबाकु मन ।
का सङ्गे खेळिबुँ का सङ्गे बसिबुँ, दश दिग दिशे शून्य ॥
जाईफुल रे ॥ (११)
कार्त्तिक आसि प्रबेश, बार मास हेला शेष ।
कंस मारि कृष्ण लेउटि अइले, कहे मनोहर बैश्य ॥
जाईफुल रे ॥ (१२)
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(Included in the Book 'Jāīphula Rāmāyaņa' of Poet Manohar Meher,
Published in 1929 and later years.)
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