Sunday, November 21, 2021

Jeena Yahaan Marnaa Yahaan: Sanskrit Version Lyrics (इह जीवनम्, मरणं च स्वम्) by Dr. Harekrishna Meher

Sanskrit Version Lyrics of Hindi Song 
"Jeena Yahaan Marnaa Yahaan" 
*
Sanskrit Translation 
* इह जीवनम्, मरणं च स्वम् *
(As per Original Tune) by : 
Dr. Harekrishna Meher 
------------- 
Film : Mera Naam Joker 
Lyricis : Shailendra 
Music : Shankar Jaikishan 
Singer : Mukesh 
====== 
मूल हिन्दी गीत : जीना यहां मरना यहां 
चलचित्र : मेरा नाम जोकर 
गीतकार : शैलेन्द्र 
संगीतकार : शंकर जयकिशन 
गायक : मुकेश 
----------------------------- 
जीना यहां, मरना यहां ।  
इसके सिवा जाना कहां । 
जी चाहे जब हमको आवाज़ दो, 
हम हैं वहीं, हम थे जहां, 
अपने यहीं, दोनों जहां, 
इसके सिवा जाना कहां ।। (०) 
*
ये मेरे गीत जीवन-संगीत  
कल भी कोई दोहराएगा । 
जग को हंसाने बहुरूपिया 
रूप बदल फिर आएगा । 
स्वर्ग यहीं, नर्क यहां, 
इसके सिवा जाना कहां ।। (१) 
*
कल खेल में हम हों न हों 
गर्दिश में तारे रहेंगे सदा । 
भूलोगे तुम, भूलेंगे वो 
पर हम तुम्हारे रहेंगे सदा । 
रहेंगे यहीं, अपने निशां, 
इसके सिवा जाना कहां ।। (२) 
========= 

हिन्दी गीत : जीना यहां मरना यहां 
मूलस्वरानुकूल-संस्कृत-गीतानुवादक: 
डा. हरेकृष्ण-मेहेर: 
----------- 
इह जीवनम्, मरणं च स्वम्, 
एतद् विना  क्व प्रस्थेयम् । 
आकारय त्वं यदेच्छा ते माम्,  
तत्रास्म्यहम्, यत्रैवासम् । 
समया हि स्वम्, लोक-द्वयम् । 
एतद् विना  क्व प्रस्थेयम् ।। (०) 
*
गीतं ममेदं जीव-संगीतम्,   
श्वोsपि नु कश्चित् पुनरुद्गाता । 
जगद् हासयितुं बहुरूपी को 
रूपान्तरं वहन् आयाता । 
इह वै द्वयम्, स्वर्गो नरकम्, 
एतद् विना  क्व प्रस्थेयम् ।। (१) 
*
श्व: क्रीड़ायां भवेयं न वा, 
स्थास्यन्ति चक्रे तारा: सन्ततम् । 
विस्मर्ता त्वम्, विस्मर्ताsसौ, 
वर्तिष्येsहं किन्तु तेsनारतम् । 
इह वर्तिता, चिह्नं स्वकम् । 
एतद् विना  क्व प्रस्थेयम् ।। (२) 
===== 
Translated for popularisation of Sanskrit and service to the nation. 
Courtesy and gratitude to 
Film 'Mera Naam Joker' (1970)
===== 
Related Link : 
http://hkmeher.blogspot.com/2021/11/jeena-yahaan-marnaa-yahaan-sanskrit.html 
---
Chalachitra-Gita-Sanskritayanam: 
http://hkmeher.blogspot.com/2017/05/chalachitra-gita-sanskritayanam.html?m=1
===== 

Rote Hue Aate Hain Sab: Sanskrit Version Lyrics (सर्वो रुदन् आयाति वै) by: Dr. Harekrishna Meher

Sanskrit Version Lyrics of Original Hindi Song 
"Rote Hue Aate Hain Sab" 
(रोते हुए आते हैं सब)
---- 
Sanskrit Translation  
* सर्वो रुदन् आयाति वै * 
 (As per Original Tune) : 
By Dr. Harekrishna Meher 
-------- 
Film : Muqaddar Ka Sikandar 
Hindi Lyrics : Anjaan 
Music : Kalyanji Anandji 
Singer : Kishore Kumar *
===== 
मूल हिन्दी गीत :  'रोते हुए आते हैं सब' * 
चलचित्र : मुकद्दर का सिकन्दर  
गीतकार : अनजान   
संगीतकार : कल्याणजी आनन्दजी  
गायक : किशोर कुमार  * 
=======
रोते हुए आते हैं सब 
हंसता हुआ जो जायेगा । 
वो मुकद्दर का सिकन्दर 
जानेमन ! कहलायेगा ।। (०)
*
वो सिकन्दर क्या था जिसने 
जुल्म से जीता जहां । 
प्यार से जीते दिलों को 
वो झुका दे आसमां । 
जो सितारों पर कहानी 
प्यार की लिख जायेगा । 
वो मुकद्दर का सिकन्दर 
जानेमन ! कहलायेगा ।। (१)
जिन्दगी तो बेवफा है, 
एकदिन ठुकराएगी, 
मौत महबूबा है अपने 
साथ लेकर जायेगी । 
मरके जीने की अदा जो 
दुनिया को सिखलाएगा । 
वो मुकद्दर का सिकन्दर  
जानेमन ! कहलायेगा ।। (२) 
हमने माना ये ज़माना 
दर्द की जागीर है, 
हर कदम पर आंसुओ की 
एक नई जंजीर है । 
साजे-गम पर जो खुशी के 
गीत गाता जायेगा । 
वो मुकद्दर का सिकन्दर  
जानेमन ! कहलायेगा ।। (३) 
===== 

हिन्दीगीतम् : रोते हुए आते हैं सब * 
मूलस्वरानुकूल-संस्कृत-गीतानुवादक: - 
डा. हरेकृष्ण-मेहेर: 
------- 
सर्वो रुदन्  आयाति वै 
विकीर्य हासं यो गन्ता ।
भाग्यविजयी इत्येवासौ 
प्रियात्मन् ! गदितो हि स्यात्  ।। (०) 
*
सिकन्दरोsसौ  को यो जितवान् 
कर्मभि: क्रूरै-र्भुवम् । 
हृद् जितं वै   येन प्रेम्णा 
व्योम कर्त्ताsसौ नतम् । 
तारा-वृन्दे  प्रणय-गाथां 
यो जनो ननु लेखिता । 
भाग्यविजयी इत्येवासौ  
प्रियात्मन् ! गदितो हि स्यात् ।। (१) 
*
जीवनं विश्वास-रहितम् 
एकद्यु: प्रत्याख्याता । 
अस्ति मृत्यु:  तत्प्रियतमा 
नीत्वा साकं  प्रस्थाता । 
जीवन-रीते:  शिक्षणं वै  
मृत्वा यो जगते दाता । 
भाग्यविजयी इत्येवासौ 
प्रियात्मन् ! गदितो हि स्यात् ।। (२)
सम्मतं मे, भुवनमेतद् 
वेदनाया: स्वं धनम् । 
प्रतिपदं वै  लोतकानां 
शृङ्खलं चैकं नवम् । 
दु:ख-भरिते वाद्ये गायन्  
हर्ष-गीतं  यो गन्ता । 
भाग्यविजयी इत्येवासौ 
प्रियात्मन् ! गदितो हि स्यात् ।। (३) 
==== 
(ज्ञातव्य : 
'सिकन्दरोsसौ' शब्द के स्थान पर विकल्प में 
सुविधानुसार 'स्कन्दरोsसौ' शब्द गाया जा सकता है । 
* 'जानेमन' शब्द के लिए मैंने एक नया शब्द बनाया है 'प्रियात्मन्' ।)
------- 
Translation done for popularisation of Sanskrit and  service to the nation. 
Courtesy and gratitude to: 
Film "Muqaddar Ka Sikandar"
Translation Date :  
21-8- 2021.
==== 
Related Link : 
*
Chalachitra-Gita-Sanskritayanam : चलचित्र-गीत-संस्कृतायनम् : 
Link: 
==== 

Wednesday, November 17, 2021

Raghuvansha: Canto-3: Odia Version: Dr.Harekrishna Meher

RAGHUVAMSHA MAHAKAVYA (Canto-3rd) * 
Original Sanskrit Epic Poem by: Mahakavi Kalidasa *  
Odia Metrical Translation by: 
Dr. Harekrishna Meher 
(Taken from Complete Odia Version) 
रघुवंश महाकाव्य (तृतीय सर्ग) *  
रघुङ्क जन्म एवं राज्याभिषेक * 
(ओड़िआ बङ्गळाश्री रागरे पद्यानुवाद ) 
= = = = = = =
Canto-3rd : 
Birth and Rajyaabhisheka of King Raghu. 
(Translations done during 1975-1976)   
* * * * 
Published in BARTIKA, Famous Literary Quarterly, 
MahaDashahara Special Issue, October-December 2021,  
Pages 1039-1066. 
Saraswata Sahitya Sanskrutika Parishad, 
Dasharathapur, Jajpur, Odisha. 
* 
For examples, Two Translated Verses 
with Original Sanskrit, shown in Devanagari and Odia Scripts.
= = = = = = = 
निधान-गर्भामिव सागराम्बरां 
शमीमिवाभ्यन्तर-लीन-पावकाम् । 
नदीमिवान्त:सलिलां सरस्वतीं 
नृप: ससत्त्वां महिषीममन्यत ।। (रघु. ३/९) 
* * 
गरभधारिणी       राणीङ्कु एपरि 
         मणिले निजे राजन, 
बसुन्धरा यथा       धारण करिछि 
          अमूल्य दिव्य रतन । 
शमीलता येह्ने       गोपने बह्निकि 
          बहिथाए अभ्यन्तरे, 
सरस्वती नदी         स्वउदरे यथा 
          उदक धारण करे ।। 
(In Odia Script) 
ଗରଭଧାରିଣୀ       ରାଣୀଙ୍କୁ ଏପରି 
       ମଣିଲେ ନିଜେ ରାଜନ, 
ବସୁନ୍ଧରା ଯଥା        ଧାରଣ କରିଛି 
        ଅମୂଲ୍ୟ ଦିବ୍ୟ ରତନ । 
ଶମୀଲତା ଯେହ୍ନେ  ଗୋପନେ ବହ୍ନିକି 
        ବହିଥାଏ ଅଭ୍ୟନ୍ତରେ, 
ସରସ୍ବତୀ ନଦୀ      ସ୍ବଉଦରେ ଯଥା 
        ଉଦକ ଧାରଣ କରେ ।। 
= = = = = = = = = = = = = 

हरिर्यथैक: पुरुषोत्तम: स्मृत: 
महेश्वरस्त्र्यम्बक एव नापर: । 
तथा विदुर्मां मुनय: शतक्रतुं 
द्वितीयगामी न हि शब्द एष न:॥ (रघु. ३/४९) 
* * 
(In Devanagari Script) : 
*
येपरि बिष्णु हिं      बिश्वे परिचित 
         पुरुषोत्तम नामरे, 
महेश्वर बोलि    शिब एका ख्यात 
         अन्य के होइ न पारे । 
सेपरि मोते हिं      शतक्रतु बोलि 
        मुनिगण थान्ति कहि, 
मो ब्यतीत अन्य  काहारिकु बोध 
        न कराए नाम एहि ॥ 
*
(In Odia Script) 
ଯେପରି ବିଷ୍ଣୁ ହିଁ      ବିଶ୍ବେ ପରିଚିତ 
         ପୁରୁଷୋତ୍ତମ ନାମରେ, 
ମହେଶ୍ବର ବୋଲି  ଶିବ ଏକା ଖ୍ୟାତ 
      ଅନ୍ୟ କେ ହୋଇ ନ ପାରେ । 
ସେପରି ମୋତେ ହିଁ   ଶତକ୍ରତୁ ବୋଲି 
           ମୁନିଗଣ ଥାନ୍ତି କହି, 
ମୋ ବ୍ୟତୀତ ଅନ୍ୟ  କାହାରିକୁ ବୋଧ 
        ନ କରାଏ ନାମ ଏହି ।। 
= = = = = = = = = = = = 
    
Related Links 
= = = = = = = = 
Odia Version of Raghuvamsha: 
* * * 
Raghuvamsha: Canto-3: Odia Version: Blog Link : 
Facebook Link : 
Some Scanned Pages of the Published Odia Version (Canto-3rd) 
of Raghuvamsha Mahakavya from 'Bartika' Magazine are posted here. 
=======