Original Hindi Film Song :
चेतो लोलं, मन्दं मन्दं, किमिव लोलं, जाने न ॥ (०)
*
(पु) हृदयस्य यद् वृत्तम्, वृत्तं यद् हृदयस्य
(स्त्री) हृदये वै कान्त ! स्थाप्यम् ।
(पु) अधरं नोन्मुञ्चेऽहम्, नोन्मुञ्चे ह्यधरं तु
(स्त्री) नेत्राभ्यां व्यक्तं सर्वम् ।
(स्त्री) कान्तो ब्रूते, प्रियो ब्रूते, किं ब्रूतेऽयं, जाने न ।
पियू बोले, पिया बोले, क्या ये बोले, जानूँ ना *
‘Piyu Bole
Piya Bole, Kya Ye Bole Jaanu Naa’ *
Film ‘Parineeta’
(2005)
*
*
Sanskrit Translation by
: Dr. Harekrishna Meher
(As per Original Hindi Tune)
Sanskrit
Version Lyrics :
*कान्तो ब्रूते, प्रियो ब्रूते, किं ब्रूतेऽयं, जाने न *
‘Kaanto
Brute Priyo Brute, Kim Bruteyam, Jaane Na’
*
*
Sanskrit
Singers :
Ankit Sinha (Jharkhand) and Yashashri Joshi (Maharashtra)
*
Winner
in Sanskrit Lyric Translation Competition
Conducted
by Sanskrit Vaartaavali, DD News Channel, Delhi.
Program
Telecast on 8 February 2020, Saturday at 7.30 pm.
Retelecast
on 9 February 2020, Sunday at 12.30 pm.
*
Courtesy and Gratitude: DD NEWS Channel, Sanskrit Vaartavali, Delhi.
Courtesy and Gratitude: DD NEWS Channel, Sanskrit Vaartavali, Delhi.
Sanskrit
Vaartavali: Full Episode (8-2-2020)
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‘Piyu Bole Piya Bole Kya Ye Bole Jaanun Naa’:
Sanskrit Version :
HKMeher Blog-Link :
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YouTube Video Link: HKMeher Channel :
हिन्दीगीत : पियू बोले, पिया बोले
* (चलचित्रम्
: परिणीता)
मूलस्वरानुकूल-संस्कृतानुवादकः -
डॉ. हरेकृष्ण-मेहेरः
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(स्त्री)
कान्तो ब्रूते, प्रियो ब्रूते, किं ब्रूतेऽयं, जाने न ।
चेतो लोलं, मन्दं मन्दं, किमिव लोलं, जाने न ॥ (०)
*
(पु) हृदयस्य यद् वृत्तम्, वृत्तं यद् हृदयस्य
(स्त्री) हृदये वै कान्त ! स्थाप्यम् ।
(पु) अधरं नोन्मुञ्चेऽहम्, नोन्मुञ्चे ह्यधरं तु
(स्त्री) नेत्राभ्यां व्यक्तं सर्वम् ।
(स्त्री) कान्तो ब्रूते, प्रियो ब्रूते, किं ब्रूतेऽयं, जाने न ।
चेतो लोलं, मन्दं मन्दं, किमिव लोलं, जाने न ॥
(पु) कान्तो
ब्रूते, प्रियो ब्रूते, किं ब्रूतेऽसौ, जाने न ।
चेतो लोलं,
मन्दं मन्दं, किमिव लोलं, जाने न ॥ (०)
*
(स्त्री)
तटिनीमेकामहमपृच्छम्, सविलासं कुत्रैषि त्वम् ।
त्वत्-प्रियस्य वेश्म दूरम्, वृतदोलं कुत्रैषि त्वम् ।
किञ्चिज्जाता भीता, किञ्चित् सलज्जा सा,
इतस्ततः सोच्छला ।
सिन्धुं सम्मेलितुं स्वप्नस्तस्या आसीत्
तटिनीमेकामहमपृच्छम्, सविलासं कुत्रैषि त्वम् ।
त्वत्-प्रियस्य वेश्म दूरम्, वृतदोलं कुत्रैषि त्वम् ।
किञ्चिज्जाता भीता, किञ्चित् सलज्जा सा,
इतस्ततः सोच्छला ।
सिन्धुं सम्मेलितुं स्वप्नस्तस्या आसीत्
प्रिय हे ! ममैव यथा ॥
(स्त्री) चेतो लोलं, मन्दं मन्दं, किमिव लोलं, जाने न ।
(स्त्री) चेतो लोलं, मन्दं मन्दं, किमिव लोलं, जाने न ।
कान्तो
ब्रूते, प्रियो ब्रूते, किं ब्रूतेऽसौ, नो जाने ॥
(पु) चेतो लोलं, मन्दं मन्दं, किमिव लोलं, जाने न ॥ (१)
*
(पु) चेतो लोलं, मन्दं मन्दं, किमिव लोलं, जाने न ॥ (१)
*
(पु)
पृष्टवानहं घनालीम्, साटोपं कुत्रैषि त्वम् ।
पृष्टवानहं घनालीम्, साटोपं कुत्रैषि त्वम् ।
भूमिरस्ति तर्ष-शुष्का, वर्ष त्वं, पीड़य न त्वम् ।
किञ्चिदन्तर्नादा, किञ्चित् सा कम्पिता,
इतस्ततोऽगर्जत् सा ।
इतस्ततोऽगर्जत् सा ।
प्रेमोल्लासै-र्जाता झम्-झम्-झम्-वर्षन्ती
कान्ते ! सा त्वत्सन्निभा ॥
(स्त्री) कान्तो ब्रूते, प्रियो ब्रूते, किं ब्रूतेऽयं, जाने न ।
चेतो लोलं, मन्दं मन्दं, किमिव लोलं, जाने न ॥
(स्त्री) कान्तो ब्रूते, प्रियो ब्रूते, किं ब्रूतेऽयं, जाने न ।
चेतो लोलं, मन्दं मन्दं, किमिव लोलं, जाने न ॥
(पु-स्त्री)
कान्तो
ब्रूते, प्रियो ब्रूते, किं ब्रूतेऽसौ, जाने न ।
चेतो लोलं, मन्दं मन्दं, किमिव लोलं, जाने न ॥ (२)
चेतो लोलं, मन्दं मन्दं, किमिव लोलं, जाने न ॥ (२)
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हिन्दीगीत : पियू बोले, पिया बोले *
चलचित्र : परिणीता (२००५) *
गीतकार : स्वानंद किरकिरे *
सङ्गीतकार : शांतनु मोइत्र *
गायक-गायिका : सोनू निगम, श्रेया घोषाल
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(स्त्री)
पियू बोले, पिया बोले, क्या ये बोले, जानूँ ना ।
जिया डोले, हौले हौले, क्यूँ ये डोले जानूँ ना ॥ (०)
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(पु) दिल की जो बातें हैं, बातें जो दिल की हैं
(स्त्री) दिल ही में रखना पिया ।
(पु) लब तो ना खोलूँ मैं, खोलूँ ना लब तो पर
(स्त्री) आँखों से सब कह दिया ।
(स्त्री) पियू बोले, पिया बोले, क्या ये बोले, जानूँ ना ।
जिया डोले, हौले हौले, क्यूँ ये डोले जानूँ ना ॥
जिया डोले, हौले हौले, क्यूँ ये डोले जानूँ ना ॥ (०)
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(पु) दिल की जो बातें हैं, बातें जो दिल की हैं
(स्त्री) दिल ही में रखना पिया ।
(पु) लब तो ना खोलूँ मैं, खोलूँ ना लब तो पर
(स्त्री) आँखों से सब कह दिया ।
(स्त्री) पियू बोले, पिया बोले, क्या ये बोले, जानूँ ना ।
जिया डोले, हौले हौले, क्यूँ ये डोले जानूँ ना ॥
(पु) पियू बोले, पिया बोले, क्या ये बोले, जानूँ ना ।
जिया डोले, हौले हौले, क्यूँ ये डोले जानूँ ना ॥ (०)
जिया डोले, हौले हौले, क्यूँ ये डोले जानूँ ना ॥ (०)
*
(स्त्री)
इक नदी से मैंने पूछा, इठलाके चल दी कहाँ ।
दूर तेरे पी का घर है, बल खाके चल दी कहाँ ।
थोड़ा वो घबराई, थोड़ा-सा शरमाई
उछली यहाँ से वहाँ ।
सागर से मिलने का, उसका जो सपना था
मेरी ही तरह पिया ॥
इक नदी से मैंने पूछा, इठलाके चल दी कहाँ ।
दूर तेरे पी का घर है, बल खाके चल दी कहाँ ।
थोड़ा वो घबराई, थोड़ा-सा शरमाई
उछली यहाँ से वहाँ ।
सागर से मिलने का, उसका जो सपना था
मेरी ही तरह पिया ॥
(स्त्री) जिया डोले, हौले हौले, क्यूँ ये डोले जानूँ ना
।
पियू बोले,
पिया बोले, क्या ये बोले, जानूँ ना ।
(पु) जिया डोले, हौले हौले, क्यूँ ये डोले जानूँ ना ॥
(१)
*
*
(पु)
मैंने पूछा इक घटा से, इतराके चल दी कहाँ ।
प्यास की भरी ज़मीं है, बरसो भी तरसाओ ना ।
थोड़ा वो गुर्राई, थोड़ा-सा थर्राई
गरजी यहाँ फिर वहाँ ।
प्रीत लुटाती फिर, झम-झम-झम बरसी वो
तेरी ही तरह पिया ॥
(स्त्री) पियू बोले, पिया बोले, क्या ये बोले, जानूँ ना ।
जिया डोले, हौले हौले, क्यूँ ये डोले जानूँ ना ॥
मैंने पूछा इक घटा से, इतराके चल दी कहाँ ।
प्यास की भरी ज़मीं है, बरसो भी तरसाओ ना ।
थोड़ा वो गुर्राई, थोड़ा-सा थर्राई
गरजी यहाँ फिर वहाँ ।
प्रीत लुटाती फिर, झम-झम-झम बरसी वो
तेरी ही तरह पिया ॥
(स्त्री) पियू बोले, पिया बोले, क्या ये बोले, जानूँ ना ।
जिया डोले, हौले हौले, क्यूँ ये डोले जानूँ ना ॥
(पु-स्त्री)
पियू बोले,
पिया बोले, क्या ये बोले, जानूँ ना ।
जिया डोले, हौले हौले, क्यूँ ये डोले जानूँ ना ॥ (२)
जिया डोले, हौले हौले, क्यूँ ये डोले जानूँ ना ॥ (२)
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‘Chalachitra-Gita-Sanskritaayanam’:
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