Original Hindi Film Song :
‘Kaanton
Se Khinchke Ye Aanchal… Aaj Phir Jine Ki Tamanna Hai’ *
'काँटों से खींचके ये आँचल…आज फिर जीने की तमन्ना है' * (Film ‘Guide’ 1965)
*
Sanskrit Translation by
: Dr.Harekrishna Meher
(As per Original Hindi
Tune)
Sanskrit
Version Lyrics :
आकृष्य कण्टकादञ्चलम् …अद्यास्ति जीवितुं पुन-र्वाञ्छा *
‘Aakrishya
Kantakaadanchalam… Adyaasti Jivitum Punar Vaanchha’
Sanskrit Singer : Sarita Bhave (Maharashtra)
*
Winner
in Sanskrit Lyric Translation Competition
Conducted
by Sanskrit Vaartaavali, DD News Channel, Delhi.
Program
Telecast on 15 December 2018, Saturday at 7 pm.
Recast
on 16 December 2018, Sunday at 12.30 pm.
*
Courtesy:
DD NEWS Vaartavali, DD NEWS Sanskrit.
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HKMeher Video: YouTube
Link:
हिन्दीगीत : काँटों से
खींचके ये आँचल… आज फिर जीने की तमन्ना है *
मूलस्वरानुकूल-संस्कृतानुवादकः – डॉ. हरेकृष्ण-मेहेरः
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आकृष्य कण्टकादञ्चलम्, मञ्जीरं बद्धं छित्त्वा बन्धम् ।
कोऽपि न हृदो रुन्ध्याद्, उड्डीयनम् , तद् हृद् यातम् ।
अद्यास्ति जीवितुं पुन-र्वाञ्छा, अद्यास्ति मर्त्तुं भावना भूयः
।
अद्यास्ति जीवितुं पुन-र्वाञ्छा, अद्यास्ति मर्त्तुं भावना भूयः
॥ (०)
*
स्वस्य नियन्त्रणे हि नाहम्, क्वचिन् मे हृदयं च क्वाहम् ।
स्वस्य नियन्त्रणे हि नाहम्, क्वचिन् मे हृदयं च क्वाहम् ।
न जाने प्राप्य किं मे, जीवनेन, विहस्योक्तम् ।
अद्यास्ति जीवितुं पुन-र्वाञ्छा, अद्यास्ति मर्त्तुं भावना भूयः
।
अद्यास्ति जीवितुं पुन-र्वाञ्छा, अद्यास्ति मर्त्तुं भावना भूयः
॥ (१)
*
घूर्णानिलो वा किं वात्याहम्, अस्मि क्व वदेत् कोऽपि नूनम् ।
घूर्णानिलो वा किं वात्याहम्, अस्मि क्व वदेत् कोऽपि नूनम् ।
भीतिर्मे यात्रायां क्व, नष्टा न स्याम्, नव्यायनम् ।
अद्यास्ति जीवितुं पुन-र्वाञ्छा, अद्यास्ति मर्त्तुं भावना भूयः
।
अद्यास्ति जीवितुं पुन-र्वाञ्छा, अद्यास्ति मर्त्तुं भावना भूयः
॥ (२)
*
निर्गत्य ह्यस्तन-तमसोऽहम्, आमृद्य नेत्रे व्यलोकयम् ।
निर्गत्य ह्यस्तन-तमसोऽहम्, आमृद्य नेत्रे व्यलोकयम् ।
सूनं हि सूनं जीवनं वसन्तो वै, स्थिरीकृतम् ।
अद्यास्ति जीवितुं पुन-र्वाञ्छा, अद्यास्ति मर्त्तुं भावना भूयः
।
अद्यास्ति जीवितुं पुन-र्वाञ्छा, अद्यास्ति मर्त्तुं भावना भूयः
॥ (३)
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FaceBook
: Link :
Original Hindi Song : ‘Kaanton Se Khinch Ke Ye Aanchal’
Film : Guide (1965)
Lyrics : Shailendra * Music : Sachin dev Burman *
Singer : Lata Mangeshkar *
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काँटों से खींचके ये आँचल, तोड़के बधन बान्धी पायल ।
कोई न रोको दिल की, उड़ान को, दिल वो चला ।
आज फिर जीने की तमन्ना है, आज फिर मरने का इरादा है ।
आज फिर जीने की तमन्ना है, आज फिर मरने का इरादा है ॥ (०)
*
अपने ही बश में नहीं मैं, दिल है कहीं तो हूँ कहीं मैं ।
अपने ही बश में नहीं मैं,
दिल है कहीं तो हूँ कहीं मैं ।
जाने क्या पाके मेरी जिन्दगी ने, हँस कर कहा ॥
आज फिर जीने की तमन्ना है, आज फिर मरने का इरादा है ॥
आज फिर जीने की तमन्ना है, आज फिर मरने का इरादा है ॥ (१)
*
मैं हूँ गुबार या तूफाँ हूँ, कोई बताये मैं कहाँ हूँ ।
मैं हूँ गुबार या तूफाँ हूँ,
कोई बताये मैं कहाँ हूँ ।
डर है सफर में कहीं खो न
जाऊँ, रस्ता नया ॥
आज फिर जीने की तमन्ना है, आज फिर मरने का इरादा है ॥
आज फिर जीने की तमन्ना है, आज फिर मरने का इरादा है ॥ (२)
*
कल के अन्धेरों से निकलके, देखा है आँखें मलते-मलते ।
कल के अन्धेरों से निकलके, देखा है आँखें मलते-मलते ।
फूल ही फूल जिन्दगी बहार है, तय कर लिया ॥
आज फिर जीने की तमन्ना है, आज फिर मरने का इरादा है ॥
आज फिर जीने की तमन्ना है, आज फिर मरने का इरादा है ॥ (३)
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