Saturday, May 29, 2021

BIODATA (HINDI): Dr. Harekrishna Meher. डा. हरेकृष्ण मेहेर : परिचय-पत्रिका

परिचय-पत्रिका  : डॉ. हरेकृष्ण मेहेर  
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विशेष विवरण के लिये द्रष्टव्य : ENGLISH : Biodata :

http://hkmeher.blogspot.in/2012/06/brief-biodata-english-dr-harekrishna.html

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Works and Achievements : Biodata Details : 

http://hkmeher.blogspot.com/2007/07/my-biodata.html

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डॉ. हरेकृष्ण मेहेर 


जन्म-दिनांक : ५ मई १९५६ 
जन्मस्थान : सिनापालि (ओड़िशा) 
पिता : कवि नारायण भरसा मेहेर 
माता : श्रीमती सुमती देवी 
पत्‍नी : श्रीमती कुन्तला कुमारी मेहेर   
मातृभाषा : ओड़िआ 
राष्ट्रीयता : भारतीय * 

शिक्षा :
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* सिनापालि उच्च विद्यालय, माध्यमिक शिक्षापरिषद्, ओड़िशा से 
माट्रिकुलेशन् (१९७१, प्रथम श्रेणी); 
* गङ्गाधर मेहेर महाविद्यालय, सम्बलपुर विश्वविद्यालय से 
प्राक्-विश्वविद्यालय (पी.यू.) - (१९७२) एवं प्रथम वर्ष डिग्री कला (१९७३, प्रथम श्रेणी); 
* रेवेन्शा महाविद्यालय कटक में अध्ययन पूर्वक उत्कल विश्वविद्यालय से
बी.ए. संस्कृत अनर्स, प्रथम श्रेणी में प्रथम (१९७५) ; 
* बनारस हिन्दु विश्वविद्यालय से तीन उपाधियाँ * *  एम्.ए. संस्कृत, प्रथम श्रेणी में प्रथम, स्वर्णपदक प्राप्त (१९७७),
* पीएच्.डी. संस्कृत (१९८१), डिप्लोमा इन् जर्मन् (१९७९). 

* विशेष विषय : भारतीय दर्शन । 
* पीएच्.डी. शोध-विषय : Philosophical Reflections in the Naishadhacharita.

* बी.ए. संस्कृत आनर्स में सर्वोच्च स्थान अधिकार हेतु 
   रेवेन्शा महाविद्यालय से जगन्नाथ मिश्र स्मारकी पुरस्कार प्राप्त । 

* एम्.ए. संस्कृत परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्ति हेतु 
   बनारस हिन्दु विश्वविद्यालय-स्वर्णपदक, श्रीकृष्णानन्द पाण्डेय सहारनपुर-स्वर्णपदक, 
   काशीराज-पदक एवं पुरस्कार से सम्मानित । 

* अध्यापक, कवि, गवेषक, समालोचक, प्राबन्धिक, गीतिकार, स्वर-रचनाकार, 
    सुवक्ता एवं सफल अनुवादक के रूप में परिचित । 

* ओड़िआ, हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत एवं कोशली – पाँच भाषाओं में मौलिक लेखन 
   तथा अनेक श्रेष्ठ काव्यकृतियों के छन्दोबद्ध अनुवाद । 

* राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की पत्रपत्रिकाओं में शोधलेख, प्रबन्ध और कविता आदि प्रकाशित । 
* अनेक मौलिक और अनूदित पुस्तकें प्रकाशित । 

* अन्तर्जाल पर अनेक पत्रिकाओं में तथा अपने वेब्‌साइट् में कई लेख प्रकाशित । 

* विश्वसंस्कृत-सम्मेलनों, राज्यस्तरीय अनेक सम्मेलनों एवं संगोष्ठियों में 
   शोधलेख परिवेषण तथा कवि-सम्मेलनों में सक्रिय योगदान ।

* संस्कृत के सरलीकरण और आधुनिकीकरण की दिशा में विशेष प्रयत्नशील । 
* अपने उद्भावित मौलिक छन्दों में आधुनिक संस्कृत गीति-रचना तथा स्वर-रचना ।

* आकाशवाणी-दूरदर्शन आदि में लेख, परिचर्चा और कविताएँ प्रसारित । 

* डीडी न्यूज् - चैनल दिल्ली के  'वार्तावली' कार्यक्रम में अनेक हिन्दी चलचित्र-गीतों के स्वकृत संस्कृत गीतानुवाद वीडियो प्रसारित एवं यू-ट्यूब् पर स्थापित ।

* पितामह दिवंगत कवि मनोहर मेहेर पश्चिम ओड़िशा के “गणकवि” के रूप में सुपरिचित । 
   कवि-परम्परा से मौलिक सर्जनात्मक-प्रतिभासम्पन्न डॉ. मेहेर की भाषा-साहित्य एवं 
   सङ्गीत कला में विशष अभिरुचि । आधुनिक संस्कृत साहित्य के अन्यतम गीतिकवि के रूप में प्रतिष्ठित ।

* कई उपलक्ष्यों में स्वरचित संस्कृत-गीतियाँ एवं कोशली गीत एकल तथा वृन्दगान के 
   रूप में परिवेषित । 

* हाथरस  उत्तरप्रदेश की लोकप्रिय ‘संगीत’ पत्रिका में अपनी मौलिक नवीन छन्दोबद्ध 
   संस्कृत गीतियों सहित स्वरचित स्वरलिपियाँ प्रकाशित । 
   प्रसिद्ध संगीतकार पण्डित एच्. हरेन्द्र जोशी- रचित स्वरलिपियाँ भी वहाँ प्रकाशित । 
   डॉ. मेहेर-कृत संस्कृत गीत “नववर्ष-गीतिका” की आडियो कैसेट् एवं वीडियो कैसेट् 
   मध्यप्रदेश की रतलाम एवं जावरा आदि नगरियों में स्थानीय टी.वी. चैनलों पर प्रसारित । 

* कुछ विश्वविद्यालयों के प्रस्तुत शोध-ग्रन्थों में तथा अन्यत्र अनेक विद्वानों के शोधलेखों में 
   डॉ. मेहेर संस्कृत कवि एवं मौलिक लेखक के रूप में संस्कृत गीतियों सहित चर्चित । स्वतन्त्ररूप से भी  उनकी संस्कृत काव्यकृतियों पर उच्च शोधकार्य सम्पन्न ।

* कुछ महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में उनकी संस्कृत कविताएं बीए पाठ्यक्रम में अन्तर्भुक्त । ओड़िशा  के उच्च विद्यालय में उनकी संस्कृत कविता पाठ्यपुस्तक में स्थानित ।

* आन्तर्जातिक अनेक जीवनी-ग्रन्थों में परिचयात्मक विवरण प्रकाशित ।
* ओड़िशा साहित्य अकादेमी, भुवनेश्वर  के पूर्वतन सदस्य । 

* अनूदित काव्यों में स्वभावकवि गंगाधर मेहेर के 'तपस्विनी' महाकाव्य के हिन्दी-अंग्रेजी-संस्कृत त्रिभाषी अनुवाद, 'प्रणयवल्लरी' काव्य के हिन्दी-संस्कृत अनुवाद, कवि-कालिदास के 'मेघदूत' का कोशली गीत रूपान्तर, 'कुमारसंभव', 'ऋतुसंहार' एवं 'मेघदूत' का ओड़िआ पद्यानुवाद, कवि-भर्तृहरि-कृत नीति-शृंगार-वैराग्य-शतकत्रय का, कवि-श्रीहर्ष-कृत 'नैषधचरित'(नवम सर्ग)का ओड़िआ पद्यानुवाद, कवि-जयदेव-कृत 'गीतगोविन्द' के ओड़िआ-अंग्रेजी अनुवाद आदि प्रमुख हैं । 
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साहित्यिक एवं सांस्कृतिक अनुष्ठानों द्वारा सम्मान प्राप्त :
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* “गंगाधर सम्मान” (२००२): सांस्कृतिक परिषद, पाटनागड़. 

* “गंगाधर सारस्वत सम्मान” (२००२) :   गंगाधर साहित्य परिषद, बरपालि.

* “जयकृष्ण मिश्र काव्य सम्मान” (२००३): निखिलोत्कल संस्कृत कवि सम्मेलन, कटक.

* "विद्यारत्न प्रतिभा सम्मान” (२००५): 
राज्यस्तरीय पण्डित नीलमणि विद्यारत्न स्मृति संसद, भुवनेश्वर.

*  "अशोक चन्दन स्मारक गंगाधर  सम्मान" (२००९): 
राज्यस्तरीय स्वभावकवि गंगाधर स्मृति समिति, बरपालि  एवं 
केदारनाथ कला साहित्य संसद, अम्बाभोना.

* "आचार्य प्रफुल्लचन्द्र राय स्मारक सम्मान" (२०१०): 
अकादेमी अफ्‌ बेङ्गली पोएट्रि, कोलकाता.
 
* "हरिप्रिया-मुण्ड स्मारकी गंगाधर मेहेर सम्मान" (२०१०): 
कवि गंगाधर मेहेर क्लब्, बरपालि.

* "डॉ.नीलमाधव-पाणिग्राही सम्मान" (२०१०): ['कोशली मेघदूत' पुस्तक के लिये],
सम्बलपुर विश्वविद्यालय, ज्योतिविहार सम्बलपुर.

* "एवार्ड़् अफ् एप्रिसिएशन्" (जयदेव उत्सव -२००८): ओड़िशी एकाडेमी, लोधी मार्ग, नई दिल्ली.

* "वाचस्पति गणेश्वर रथ वेदान्तालङ्कार-सम्मान" (२०१३):  
 (विश्वसंस्कृत-दिवस-समारोह, पण्डित सम्मिलनी) -
बालाजी मन्दिर सुरक्षा समिति, भवानीपाटना, ओड़िशा.

* "विश्वसंस्कृत-दिवस-सम्मान" (२०१३): 
महाबीर सांस्कृतिक अनुष्ठान, भवानीपाटना, ओड़िशा.

* "एकाम्र सम्मान" (२०१८): 
केदारनाथ गवेषणा प्रतिष्ठान, भुवनेश्वर.

* "गंगाधर मेहेर सम्मान" (२०१८): 
गंगाधर मेहेर प्रतिष्ठान, भुवनेश्वर.

* "राज्यस्तरीय गंगाधर मेहेर स्मृति सम्मान" (२०२०): 
गंगाधर मेहेर स्मृति समिति एवं राजज्योति सेवा समिति, टिटिलागड़, बलांगीर.

* "सर्वश्री साहित्य सम्मान" (२०२१): सर्वश्री सबाखिआ साहित्य संसद, भवानीपाटना, कलाहाण्डि. 

* "गीतिसंस्कृत-महाकवि: राष्ट्रिय सम्मान" (२०२३): लोकभाषा-प्रचार-समिति, पुरी. 

* "व्यासभारती सम्मान" (२०२३): महर्षि व्यासदेव राष्ट्रीय प्राच्यविद्या गवेषणाकेन्द्र, राउरकेला, ओड़िशा. 

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मानपत्र सहित  संवर्धना एवं अभिनन्दन प्राप्त : 

* खरियार साहित्य समिति, राजखरियार (१९९८)
* गदाधर साहित्य संसद, कोमना (१९९८)
* सम्बलपुर विश्वविद्यालय, ज्योतिविहार (२०००)  
* शिक्षाविकाश परिषद, कलाहाण्डि (२००३)
* कलाहाण्डि लेखक कला परिषद, भवानीपाटना (२००३)
*अभिराम स्मृति पाठागार ट्रष्ट, भवानीपाटना (२००६)  
* उदन्ती महोत्सव, सिनापालि, नूआपड़ा (२०१२) 
* बनानी-कवि-सम्मिलनी, कलाहाण्डि-लेखक-कला-परिषद (२०१३)
* गंगाधर सारस्वत समिति, सिनापालि, नूआपड़ा (२०१६)
* निखिल ओड़िशा मेहेर भुलिआ समाज, सम्बलपुर (पद्मपुर महासभा, २०१८)
* सरकारी स्वयंशासित महाविद्यालय, संस्कृत विभाग, भवानीपाटना (२०१८) 

* महर्षिव्यासदेव राष्ट्रीय प्राच्यविद्या-गवेषणा केन्द्र, राउरकेला, ओड़िशा (२०२०) 

* माटिलग्ना साहित्य संसद, मालकानगिरि, ओड़िशा (२०२१)
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अध्यापना :
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* १९८१ से ओड़िशा सरकार के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नियुक्त होकर ओड़िशा शिक्षा सेवा (ओ. ई. एस्.) में संस्कृत अध्यापक के रूप में योगदान । विभिन्न सरकारी महाविद्यालयों में अध्यापना ।
  सरकारी पञ्चायत महाविद्यालय,  बरगड़ (१९८१-१९८८); फकीरमोहन महाविद्यालय, बालेश्वर (१९८८-१९९२);
  सरकारी स्वयंशासित महाविद्यालय भवानीपाटना (१९९२-२०१२);  गंगाधर मेहेर स्वयंशासित महाविद्यालय, सम्बलपुर (२०१२-२०१४).

१९८१ से अध्यापक, १९८६ से वरिष्ठ अध्यापक, १९९४ से रीडर (ओईएस् -१, प्राध्यापक/उपाचार्य), १९९९ से वरिष्ठ उपाचार्य ।

 * गंगाधर मेहेर स्वयंशासित महाविद्यालय, सम्बलपुर में स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग के वरिष्ठ रीडर एवं विभागाध्यक्ष के रूप में कार्य सम्पादन करते हुए मई २०१४ में (ओड़िशा शिक्षासेवा-१) सेवा-निवृत्त । 
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प्रमुख साहित्यिक कृतियाँ * 
प्रकाशित : (पुस्तक)
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 (१) पीएच्‌. डी. शोधग्रन्थ “Philosophical Reflections in the Naisadhacarita”
      (ISBN : 81-85094-21-7), पुन्थि पुस्तक, ३६/४बी, विधान सरणी, कोलकाता-४, १९८९.
(२) नैषध-महाकाव्ये धर्मशास्त्रीय-प्रतिफलनम् (शोधपुस्तिका),
      धर्मशास्त्र विभाग, श्रीजगन्नाथ संस्कृत विश्वविद्यालय, पुरी, १९९४.
(३) साहित्यदर्पण : अलंकार (ओड़िआ-संस्कृत व्याख्या सहित)
      ISBN: 81-7411-12-7, विद्यापुरी, बालुबजार, कटक-२, १९९५.
(४) श्रीकृष्ण-जन्म (मौलिक ओड़िआ कविता पुस्तक), १९७७.
(५) श्रीरामरक्षा-स्तोत्र (शिवरक्षा-स्तोत्र सहित ओड़िआ छन्दोबद्ध पद्यानुवाद),१९७७.
(६) शिवताण्डव-स्तोत्र (ओड़िआ पद्यानुवाद), १९७८.
(७) विष्णु-सहस्रनाम (ओड़िआ पद्यानुवाद), १९७८.
(८) गायत्री-सहस्रनाम (ओड़िआ पद्यानुवाद), १९८२.
      ५ से ८ प्रकाशक: बाणी भण्डार, ब्रह्मपुर, गञ्जाम, ओड़िशा.  
(९) मनोहर पद्यावली (संपादित), प्रकाशक: श्रीनारायण भरसा मेहेर, मनोहर कवितावास, सिनापालि,                 १९८५.
(१०) मातृगीतिकाञ्जलि: (आधुनिक मौलिक संस्कृत गीतिकाव्य),
        कलाहाण्डि लेखक कला परिषद, भवानीपाटना, १९९७.
(११) तपस्विनी (स्वभावकवि गङ्गाधर मेहेर-कृत ओड़िआ तपस्विनी काव्य का सम्पूर्ण हिन्दी अनुवाद),                 सम्बलपुर विश्वविद्यालय, ज्योतिविहार, सम्बलपुर, ओड़िशा, २०००.
(१२) Tapasvini of Gangadhara Meher (स्वभावकवि गंगाधर मेहेर के।त 'तपस्विनी' काव्य का                 सम्पूर्ण अंग्रेजी अनुवाद), ISBN: 81-87661-63-1, आर्. एन्. भट्टाचार्य, ए-१२७, एच्.वी. टाउन, सोदेपुर,         कोलकाता-७००११०, २००९.
(१३) कोशली मेघदूत (महाकवि कालिदास-कृत मेघदूत काव्य का सम्पूर्ण कोशली गीत रूपान्तर), ISBN:            13-978-93-80758-03-9, तृप्ति प्रकाशन, भुवनेश्वर-७५१००२, ओड़िशा  २०१०. 
(१४) तपस्विनी (स्वभावकवि गङ्गाधर मेहेर-कृत ओड़िआ तपस्विनी काव्य का सम्पूर्ण संस्कृत अनुवाद),              ISBN: 978-81-7110-412-3, परिमल पब्लिकेशन्स्, २७-२८ शक्तिनगर, दिल्ली-७, २०१२.
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प्रकाशित : काव्य पद्यानुवाद : 

याजपुर, ओड़िशा के प्रसिद्ध मुखपत्र "बर्त्तिका" के विभिन्न दशहरा विशेषांकों में कुछ प्रसिद्ध संस्कृत काव्यों के डा. मेहेर-कृत ओड़िआ छ्न्दोबद्ध पद्यानुवाद प्रकाशित : (प्रकाशन वर्ष सूचित):

* नीतिशतक (भर्तृहरि), संपूर्ण, १९९५-९७.
* शृङ्गार-शतक (भर्तृहरि), संपूर्ण, १९९८ . 
* वैराग्य-शतक (भर्तृहरि), संपूर्ण, १९९९. 

* नैषधचरित-नवमसर्ग (श्रीहर्ष),  २०००.

* रघुवंश (कालिदास):
   द्वितीय सर्ग -२००२.  
तृतीय सर्ग -२०२१.                                   षष्ठ-सप्तम सर्ग -२०१८.

* कुमारसम्भव (कालिदास): 
   प्रथम सर्ग - २००५.
   द्वितीय सर्ग - २००६. 
   तृतीय-चतुर्थ सर्ग - २०१९.     
   पञ्चम सर्ग - २००१.
   षष्ठ सर्ग - २०२०.
   सप्तम  सर्ग - २००४.
   अष्टम सर्ग - २००९.

ऋतुसंहार (कालिदास), संपूर्ण, २०१५. 
* मेघदूत (कालिदास), संपूर्ण, २०१७.
* गीतगोविन्द (जयदेव), संपूर्ण, २०१६. 

* श्रीमद्‍भगवद्‍गीता (व्यादेव)संपूर्ण, २०

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* कोशली मेघदूत (कवि कालिदास के मेघदूत काव्य का संपूर्ण कोशली गीत अनुवाद), 'बर्त्तिका', दशहरा       विशेषांक-२००३.
   (बाद में २०१० में स्वतन्त्र पुस्तक रूप में प्रकाशित) 

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कविवर राधानाथ राय-कृत ओड़िआ कविता “बर्षा” का संस्कृत श्लोकानुवाद  (लोकभाषा-सुश्री: पत्रिका, पुरी, २००६).
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अप्रकाशित (मौलिक): 
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संस्कृत में : 
* पुष्पाञ्जलि-विचित्रा (आधुनिक गीतिकाव्य) 

* स्वस्ति-कविताञ्जलि: (आधुनिक गीतिकाव्य) 

* सारस्वतायनम् (शोध-प्रबन्धावली)

* सौन्दर्य-सन्दर्शनम् (सौन्दर्यशास्त्र-विषयक काव्य)
* सावित्रीनाटकम्
* जीवनालेख्यम् (आधुनिक कविता संग्रह)
* मौन-व्यञ्जना (आधुनिक कविता संग्रह)
* अस्रमजस्रम् (आधुनिक कविता संग्रह)
* हासितास्या वयस्या (हाइकु-सिजो-तान्का कविता संग्रह)
* उत्कलीय-सत्कला (गीतिकाव्य)
* स्तवार्चन-स्तवकम् (स्तोत्रकाव्य)
* सूक्ति-कस्तूरिका (सूक्तिकाव्य)
* मेहेरीय-छन्दोमाला (नव्यछन्द-विषयक कृति).

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ओड़िआ में : 
* आलोचनार पथे (शोध-प्रबन्धावली)
* भञ्जीय काव्यालोचना 
* भञ्ज-साहित्यरे जगन्नाथ तत्त्व  
* घेन नैषध पराये
* ओड़िआ रीति-साहित्यरे दार्शनिक-चिन्तन
* निबन्धायन  
* कबिताबली
* शिखण्डीकाव्य
* ओडिशा वर्णमालार कृत्रिम समस्या
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अंग्रेजी में : 
* Poems of the Mortals
* Glory (Research Articles and Essays)
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हिन्दी में : 
* हिन्दी-सारस्वती (निबन्ध संग्रह)
* कुछ कविता-सुमन  

कोशली में : कोशली गीतमाला  

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अप्रकाशित (अनुवाद) : 
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संस्कृत से ओड़िआ : कुमारसम्भव, रघुवंश.
संस्कृत से हिन्दी : मातृगीतिकाञ्जलि:  
संस्कृत से अंग्रेजी : शिवताण्डव-स्तोत्र, गीतगोविन्द. 
ओड़िआ से हिन्दी : कवि गङ्गाधर मेहेर-प्रणीत ‘प्रणयवल्लरी’, ‘अर्घ्यथाली’, ‘कीचकवध’ काव्य. 
* ओड़िआ से अंग्रेजी : कवि गङ्गाधर मेहेर-कृत 'अर्घ्यथाली'.
* ओड़िआ से संस्कृत : प्रणयवल्लरी, अर्घ्यथाली.
* हिन्दी से संस्कृत : 'चलचित्र-गीत-संस्कृतायनम्' 
(हिन्दी चलचित्र गीतों के मूलस्वरानुसारी गायनानुकूल संस्कृतानुवाद)

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Related Links : 

* Biodata in English : 
http://hkmeher.blogspot.in/2012/06/brief-biodata-english-dr-harekrishna.html 

* Biodata in Hindi : http://hkmeher.blogspot.com/2021/05/biodata-hindi-dr-harekrishna-meher.html

Biodata : (Hindi-English-Sanskrit-Odia) :

http://tapasvini-kavya.blogspot.in/2011/12/biodata-english-hindi-sanskrit-oriya-dr.html
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आखर कलश : AakharKalash: Hindi E-magazine: Biodata:
http://aakharkalash.blogspot.com/2010/05/blog-post_05.html?m=1
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हरेकृष्ण मेहेर से एक साक्षात्कार : हिन्दी अनुवाद ( बर्त्तिका मुखपत्र में प्रकाशित) * 

Interview in Bartika Magazine (Hindi Version):  
http://hkmeher.blogspot.com/2017/11/interview-with-dr-harekrishna-meher-by.html?m=1
--- 

संस्कृत साहित्य को हरेकृष्ण मेहेर का अवदान : 
Contributions of Harekrishna Meher to Sanskrit Literature:
http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2013/04/contributions-of-drharekrishna-meher-to.html?m=1
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* कुछ पुस्तकों की छवि के लिये : 
http://hkmeher.blogspot.com/2010/06/images-of-main-books-of-harekrishna.html 

* विशेष विवरण के लिये द्रष्टव्य : 
Biodata : Works and Achievements : 
http://hkmeher.blogspot.com/2007/07/my-biodata.html  
 = = = = = =

Dr. HAREKRISHNA MEHER 

 Retired Sr. Reader and Head, 

Post-Graduate Department of Sanskrit, 

Gangadhar Meher Autonomous College,

(College with Potential for Excellence), 

SAMBALPUR - 768004. Orissa (India) 

Mobile : + 91- 94373- 62962 

e-mail : meher.hk@gmail.com / 
Blogsite : http://www.hkmeher.blogspot.com 

* * * 


Friday, May 21, 2021

Ramachandra Kahgaye Siyaa Se: Sanskrit Version (Lyrics रामचन्द्र इदमुवाच सीताम्): Dr.Harekrishna Meher: DDNews Vaartavali

Original Hindi Film Song : 
‘Ramachandra Kahgaye Siyaa Se’ * 
रामचन्द्र कहगये सिया से *  (Film ‘GOPI’ 1970)  
*
Sanskrit Translation by : Dr.Harekrishna Meher 
(As per Original Hindi Tune) 
Sanskrit Version Lyrics : रामचन्द्र इदमुवाच सीताम् *  
‘Ramachandra Idamuvaacha Sitaam’   
*
Winner in Sanskrit Lyric Translation Competition 
Conducted by Sanskrit Vaartaavali, DD News Channel, Delhi. 
Song Program Telecast on 22 May 2021, Saturday at 6 pm. 
Sanskrit Singer : Shambhu Prasad Mishra (New Delhi)
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Courtesy and Gratitude to: 
DDNEWS, Sanskrit Vaartavali: Full Episode (22 May 2021): 
Link: 
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Separate Full Song Video: 
YouTube : HKMeher Channel: 
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मूल-हिन्दीगीतम् : रामचन्द्र कहगये सिया से *  
चलचित्रम् : गोपी (१९७०) *  
मूलस्वरानुकूल-संस्कृतानुवादकः - डॉ. हरेकृष्ण-मेहेरः  
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मानस रे !               
रामचन्द्र इदमुवाच सीताम् -    
एवं कलियुगमागन्ता, 
अशिता हंसः पलाल-कणिकां 
काको मुक्तां भक्षयिता ॥ (०) 
मानस रे !               
*
अपृच्छत् सीता - भगवन् ! 
कलियुगे वै धर्मं कर्म च 
कोऽपि न किं मानयिता ? 
तदा प्रभुरुवाच -   
धर्मो भविता कर्म च भविता 
परन्तु लज्जा नो भविता । 
प्रतिवृत्तं वै मातर-पितरौ   
पुत्रो नेत्रे तर्जयिता ॥   
रामचन्द्र इदमुवाच सीताम् ॥ (१) 
भविता राज-प्रजागण-मध्ये     
कर्ष-स्पर्धा वासर-नक्तम्, वासर-नक्तम् । 
पदे पदे खलु  उभौ कर्तारौ
निजं निजं स्वैराचारम्, स्वैराचारम् । 
हस्ते यस्य हि भविता यष्टी  
नूनमसौ महिषं नेता । 
अशिता हंसः पलाल-कणिकां  
काको मुक्तां भक्षयिता ॥  
रामचन्द्र इदमुवाच सीताम् ॥ (२)  
*  
शृणु सीते ! कलियुगे च भविता 
काल-धनं बहु काल-मनः, बहु काल-मनः । 
चौर-वञ्चका  नगर-श्रेष्ठिनः 
प्रभु-भक्तजनो धनहीनः, जनो धनहीनः । 
यो लोभी, भोगी भविताऽसौ     
योगीति स्वं वर्णयिता ।  
अशिता हंसः पलाल-कणिकां   
काको मुक्तां भक्षयिता ॥ 
रामचन्द्र इदमुवाच सीताम् ॥ (३)
मन्दिरं खलु शून्यं शून्यम्, 
भविता पूर्णा मधुशाला, मधुशाला । 
समं स्वपित्रा पूर्ण-सभायां 
नर्तिष्यति वै गृह-बाला, वै गृहबाला । 
कीदृश-कन्या-दानं स पिता  
कन्या-वित्तं भक्षयिता ॥ 
अशिता हंसः पलाल-कणिकां 
काको मुक्तां भक्षयिता ॥ (४) 
मानस रे !               
*
मन्दा वै मूर्ख-प्रीतिः 
मन्दो द्यूते जयोऽस्ति, 
कुसङ्गस्थं सौख्यं धाविता दूरम्, 
भ्रातः ! धाविता दूरम् । 
कज्जलस्य कक्ष-मध्ये   
कीदृग् यत्नं कुरु परम्,  
कज्जल-चिह्नं भ्रातः ! लगेदवश्यम् ॥ (५)  
मानस रे !               
*
कियद्-यतिर्वा कोऽपि, 
कियत्-सती वा काऽपि, 
कामिनी-सङ्गे कामो 
जागर्ति नूनम्, जागर्ति नूनम् । 
शृणु गोपीरामो वक्ति, 
यस्य नाम काम इति,  
तत्पाश-दाम गले भवेत् सुलग्नम्, भ्रातः !
तत्पाश-दाम गले भवेत् सुलग्नम् ॥ (६) 
मानस रे !               
= = = = =     

FaceBook : Link : 
*
Twitter Link: 
= = = = = =  

मूल-हिन्दीगीत : रामचन्द्र कह गये सिया से *
चलचित्र : गोपी (१९७०)
गीतकार : राजेन्द्र कृष्ण *  
संगीतकार : कल्याणजी आनन्दजी *
गायक : महेन्द्र कपूर *  
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हे जी रे ! 
रामचन्द्र कहगये सिया से, 
ऐसा कलजुग आयेगा, 
हंस चुगेगा दाना दून का 
कौवा मोती खायेगा ॥ (०) 
*
सिया ने पूछा, भगवन् ! 
कलजुग में धर्म कर्म को 
कोई नहीं मानेगा ? 
तो प्रभु बोले, 
धर्म भी होगा कर्म भी होगा 
परन्तु शर्म नहीं होगी । 
बात-बात में मात-पिता को 
बेटा आँख दिखायेगा ॥ (१) 
*
रामचन्द्र कहगये सिया से, 
राजा और प्रजा दोनों में 
होगी निसदिन खींचातानी, खींचातानी ।  
कदम कदम पर  करेंगे दोनों 
अपनी अपनी मनमानी, मनमानी । 
जिसके हाथ में होगी लाठी 
भैंस वही ले जायेगा । 
हंस चुगेगा  दाना दून का 
कौवा मोती खायेगा ॥ (२) 
*
सुनो सिया ! कलयुग में काला 
धन और काले मन होंगे, काले मन होंगे । 
चोर उचक्के नगर सेठ और 
प्रभुभक्त निर्धन होंगे, निर्धन होंगे । 
जो होगा लोभी और भोगी 
वो योगी कहलायेगा । 
हंस चुगेगा दाना दून का 
कौवा मोती खायेगा ॥ (३) 
*
मन्दिर सूना सूना होगा 
भरी रहेंगी मधुशाला, मधुशाला ।  
पिता के संग-संग भरी सभा में 
नाचेंगी घर की बाला, घर की बाला । 
कैसा कन्यादान पिता ही 
कन्या का धन खायेगा । 
हंस चुगेगा दाना दून का 
कौवा मोती खायेगा ॥ (४) 
*
मूरख की प्रीत बुरी, 
जूए की जीत बुरी, 
बुरे संग बैठ चैन भागे ही भागे, 
रे भाई ! भागे रे भागे । 
काजल की कोठरी में 
कैसे ही जतन करो, 
काजल का दाग भाई ! लागे रे लागे 
रे भाई ! लागे रे लागे ।। (५)  
हे जी रे ! 
*
कितना जति को कोई, 
कितना सती हो कोई,  
कामिनी के संग काम 
जागे ही जागे, जागे ही जागे । 
सुनो कहे गोपीराम, 
जिसका है नाम काम 
उसका तो फंद गले लागे ही लागे, 
रे भाई ! लागे ही लागे ॥ (६) 
हे जी रे ! 
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Related Links : 

Ramachandra Kahgaye Siyaa Se (Sanskrit Version Lyrics) :

Blog Link: https://hkmeher.blogspot.com/2021/05/ramachandra-kahgaye-siyaa-se-sanskrit.html

* * * 

Chalachitra-Gita-Sanskritaayanam’: चलचित्र-गीत-संस्कृतायनम् :  

(Anthology of Sanskrit Versions of Film Songs) 

Link : http://hkmeher.blogspot.com/2017/05/chalachitra-gita-sanskritayanam.html

* * * 

Biodata: Dr. Harekrishna Meher : 

http://hkmeher.blogspot.com/2012/06/brief-biodata-english-dr-harekrishna.html

 * * * 

YouTube Videos (Search): Dr. Harekrishna Meher : 

https://www.youtube.com/results?search_query=%22hkmeher%22+videos

 * * * 

VIDEOS of Dr. Harekrishna  Meher : 

Link : http://hkmeher.blogspot.com/2016/04/videos-of-drharekrishna-meher-sanskrit.html

 * * * 

Dr. Harekrishna Meher on Radio and Doordarshan Channels: 

Link : http://hkmeher.blogspot.com/2017/04/dr-harekrishna-meher-on-radio.html

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Friday, May 14, 2021

BIODATA (ODIA) : Dr. Harekrishna Meher (ଡକ୍ଟର୍ ହରେକୃଷ୍ଣ ମେହେର)


Biodata Odia: Dr. HAREKRISHNA MEHER
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ଡକ୍ଟର୍ ହରେକୃଷ୍ଣ ମେହେର 
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* ଜନ୍ମ : ୫-୫-୧୯୫୬ ଖ୍ରୀଷ୍ଟାବ୍ଦ, ସିନାପାଲି, ଜିଲ୍ଲା-ନୂଆପଡ଼ା, ଓଡ଼ିଶା ।  
* ସିନାପାଲି ଉଚ୍ଚ ବିଦ୍ୟାଳୟରେ ଅଧ୍ୟୟନପୂର୍ବକ ଓଡ଼ିଶା ମାଧ୍ୟମିକ ଶିକ୍ଷାବୋର୍ଡ଼ରୁ 
   ମାଟ୍ରିକ୍ ପରୀକ୍ଷାରେ ପ୍ରଥମଶ୍ରେଣୀ (୧୯୭୧)୤ ଗଙ୍ଗାଧର ମେହେର ମହାବିଦ୍ୟାଳୟ, 
   ସମ୍ବଲପୁରରେ ଅଧ୍ୟୟନପୂର୍ବକ ସମ୍ବଲପୁର ବିଶ୍ବବିଦ୍ୟାଳୟରୁ ପ୍ରାଗ୍-ବିଶ୍ବବିଦ୍ୟାଳୟ 
   କଳା (ପି.ୟୁ. ୧୯୭୨) ଏବଂ ପ୍ରଥମ ବର୍ଷ ଡିଗ୍ରୀ (୧୯୭୩) ପ୍ରଥମ ଶ୍ରେଣୀ ।  
* ରେଭେନ୍‌ସା ମହାବିଦ୍ୟାଳୟରେ ଅଧ୍ୟୟନପୂର୍ବକ ଉତ୍କଳ ବିଶ୍ବବିଦ୍ୟାଳୟରୁ
   ବି.ଏ. ସଂସ୍କୃତ ଅନର୍ସ୍, ପ୍ରଥମ ଶ୍ରେଣୀରେ ପ୍ରଥମ (୧୯୭୫). 
* ବନାରସ୍ ହିନ୍ଦୁ ବିଶ୍ବବିଦ୍ୟାଳୟ, ବାରାଣସୀରୁ ତିନି ଉପାଧି : 
     ଏମ୍.ଏ. ସଂସ୍କୃତ, ପ୍ରଥମ ଶ୍ରେଣୀରେ ପ୍ରଥମ, ସ୍ବର୍ଣ୍ଣପଦକ ପ୍ରାପ୍ତ (୧୯୭୭), 
     ପିଏଚ୍.ଡି. ସଂସ୍କୃତ (୧୯୮୧), ଡିପ୍ଳୋମା-ଇନ୍-ଜର୍ମାନ୍ (୧୯୭୯). 
* ମହାକବି ଶ୍ରୀହର୍ଷ-କୃତ 'ନୈଷଧଚରିତ' ମହାକାବ୍ୟରେ ପ୍ରତିଫଳିତ ଦାର୍ଶନିକ ଚିନ୍ତାଧାରା ବିଷୟରେ ତାଙ୍କର ପିଏଚ୍.ଡି. ଗବେଷଣା ପୁସ୍ତକ ପ୍ରକାଶିତ। 
* ଓଡ଼ିଆ, ହିନ୍ଦୀ, ଇଂରାଜୀ, ସଂସ୍କୃତ ଓ କୋଶଲୀ - ୫ଟି ଭାଷାରେ ଲେଖାଲେଖି ।  
* ଜାତୀୟ ତଥା ଆନ୍ତର୍ଜାତିକ ସ୍ତରର ବିଭିନ୍ନ ପତ୍ରପତ୍ରିକାରେ ଲେଖାମାନ ପ୍ରକାଶିତ ।  
* ବିଶ୍ବସଂସ୍କୃତ-ସମ୍ମିଳନୀ, ଜାତୀୟ ଆଲୋଚନାଚକ୍ର ଓ କବିସମ୍ମିଳନୀ ଆଦିରେ ସକ୍ରିୟ    
   ଯୋଗଦାନ । ସଂସ୍କୃତର ସରଳୀକରଣ ଓ ଆଧୁନିକୀକରଣ ଦିଗରେ ପ୍ରଯତ୍ନଶୀଳ । 
* ନିଜ ଉଦ୍‌ଭାବିତ ମୌଳିକ ଛନ୍ଦରେ ଆଧୁନିକ ସଂସ୍କୃତ ଗୀତିରଚନା ଓ ସ୍ବର-ରଚନା । 
* ବିଭିନ୍ନ ଭାରତୀୟ ବିଶ୍ବବିଦ୍ୟାଳୟମାନଙ୍କରେ ତଥା ଅନ୍ୟ ବିଦ୍ବାନ୍‌ମାନଙ୍କ ଦ୍ବାରା 
   ଡକ୍ଟର୍ ମେହେରଙ୍କ କୃତିରାଜିର ଗବେଷଣାତ୍ମକ ଆଲୋଚନା ।   
* ଆକାଶବାଣୀ-ଦୂରଦର୍ଶନାଦିରେ ଲେଖା ଓ କବିତାମାନ ପ୍ରସାରିତ ।  
* ଡିଡି-ନିଉଜ୍ ଚାନେଲ୍ ଦିଲ୍ଲୀର ବାର୍ତ୍ତାବଲୀ କାର୍ଯ୍ଯକ୍ରମରେ ହିନ୍ଦୀଚଳଚିତ୍ର-ଗୀତାଦିର  
   ସ୍ବକୃତ ସଂସ୍କୃତାନୁବାଦ ଭିଡିଓମାନ ପ୍ରସାରିତ ଓ ୟୁ-ଟିଉବ୍ ରେ ସ୍ଥାପିତ । 
* ଜଣେ ପ୍ରତିଷ୍ଠିତ ଅଧ୍ୟାପକ, ଗବେଷକ, ପ୍ରାବନ୍ଧିକ, ସମାଲୋଚକ, କବି, ଅନୁବାଦକ, 
   ଗୀତିକାର, ସ୍ବରସଂଯୋଜକ ଓ ସୁବକ୍ତା ଭାବରେ ପରିଚିତ ।  
* ପିତା ସ୍ବର୍ଗତ କବି ନାରାୟଣ ଭରସା ମେହେର ଓ ମାତା ସୁମତୀ ଦେବୀ । ପିତାମହ 
   ସ୍ବର୍ଗତ କବି ମନୋହର ମେହେର ପଶ୍ଚିମ ଓଡ଼ିଶାର ‘ଗଣକବି’ ରୂପେ ଚର୍ଚ୍ଚିତ । କବି-
   ପରମ୍ପରାରୁ ସର୍ଜନାତ୍ମକ-ପ୍ରତିଭାବାନ୍ ଡ. ମେହେରଙ୍କ  ଭାଷାସାହିତ୍ୟ ଓ ସଙ୍ଗୀତରେ   
   ବିଶେଷ ଅଭିରୁଚି ।  ଆଧୁନିକ ସଂସ୍କୃତସାହିତ୍ୟର ଜଣେ ସୁପ୍ରତିଷ୍ଠିତ ଗୀତିକବି । 
* ହାଥରସ ଉତ୍ତରପ୍ରଦେଶର ‘ସଙ୍ଗୀତ’ ପତ୍ରିକାରେ ସ୍ବକୀୟ ମୌଳିକ ଛନ୍ଦୋବଦ୍ଧ  
   ସଂସ୍କୃତ ଗୀତରାଜି ସହ ସ୍ବରଚିତ ସ୍ବରଲିପିମାନ ପ୍ରକାଶିତ । 
* ଆନ୍ତର୍ଜାତିକ ଜୀବନୀ-ଗ୍ରନ୍ଥମାନଙ୍କରେ ପରିଚୟାତ୍ମକ ବିବରଣ ସ୍ଥାନିତ । 
* ଓଡ଼ିଶା ସାହିତ୍ୟ ଏକାଡେମୀର ପୂର୍ବତନ ସଦସ୍ୟ । 
*  ଅନେକ ସାହିତ୍ୟିକ ଓ ସାଂସ୍କୃତିକ ଅନୁଷ୍ଠାନ ଦ୍ଵାରା ସମ୍ମାନିତ ଓ ସଂବର୍ଦ୍ଧନାପ୍ରାପ୍ତ । 

* ଅନୂଦିତ କାବ୍ୟରାଜି ମଧ୍ୟରେ ସ୍ଵଭାବକବି ଗଙ୍ଗାଧର ମେହେରଙ୍କ ଓଡ଼ିଆ ମହାକାବ୍ୟ 'ତପସ୍ୱିନୀ'ର ହିନ୍ଦୀ-ଇଂରାଜୀ-ସଂସ୍କୃତ ତ୍ରିଭାଷୀ ଅନୁବାଦ, 'ପ୍ରଣୟବଲ୍ଲରୀ' କାବ୍ୟର ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌ହିନ୍ଦୀ-ସଂସ୍କୃତ ଅନୁବାଦ, କବି-କାଳିଦାସ-କୃତ 'ମେଘଦୂତ'ର କୋଶଲୀ ଗୀତ ରୂପାନ୍ତର, 'ଋତୁସଂହାର', 'ମେଘଦୂତ' ଓ 'କୁମାରସମ୍ଭବ'ର ଓଡ଼ିଆ ପଦ୍ୟାନୁବାଦ, କବି ଭର୍ତ୍ତୃହରି-କୃତ 'ନୀତି-ଶୃଙ୍ଗାର-ବୈରାଗ୍ୟଶତକ'ର, କବି ଶ୍ରୀହର୍ଷ-କୃତ 'ନୈଷଧଚରିତ' (ନବମ ସର୍ଗ)ର ଓଡ଼ିଆ ପଦ୍ୟାନୁବାଦ ଏବଂ କବି-ଜୟଦେବ-କୃତ ' ଗୀତଗୋବିନ୍ଦ'ର ଓଡ଼ିଆ-ଇଂରାଜୀ ଅନୁବାଦ ଆଦି ପ୍ରଧାନ । 
===== 

ସାହିତ୍ୟିକ ସମ୍ମାନ ପ୍ରାପ୍ତି : 
* ଗଙ୍ଗାଧର ସମ୍ମାନ (୨୦୦୨): ସାଂସ୍କୃତିକ ପରିଷଦ, ପାଟଣାଗଡ଼.  
* ଗଙ୍ଗାଧର ସାରସ୍ବତ ସମ୍ମାନ (୨୦୦୨):  ଗଙ୍ଗାଧର ସାହିତ୍ୟ ପରିଷଦ, ବରପାଲି.  
* ଜୟକୃଷ୍ଣ ମିଶ୍ର କାବ୍ୟସମ୍ମାନ (୨୦୦୩):  ନିଖିଳ ଓଡ଼ିଶା ସଂସ୍କୃତ କବିସମ୍ମେଳନ, 
   କଟକ. 
* ବିଦ୍ୟାରତ୍ନ ପ୍ରତିଭା ସମ୍ମାନ (୨୦୦୫):  ରାଜ୍ୟସ୍ତରୀୟ ପଣ୍ଡିତ ନୀଳମଣି ବିଦ୍ୟାରତ୍ନ 
   ସ୍ମୃତି ସଂସଦ, ଭୁବନେଶ୍ବର. 
* ଅଶୋକଚନ୍ଦନ ସ୍ମାରକ ଗଙ୍ଗାଧର ସମ୍ମାନ (୨୦୦୯): ରାଜ୍ୟସ୍ତରୀୟ ସ୍ବଭାବକବି 
   ଗଙ୍ଗାଧର ସ୍ମୃତି ସମିତି, ବରପାଲି ଓ  କେଦାରନାଥ କଳା ସାହିତ୍ୟ ସଂସଦ, 
   ଅମ୍ବାଭୋନା.  
* ଆଚାର୍ଯ୍ୟ ପ୍ରଫୁଲ୍ଲଚନ୍ଦ୍ର ରାୟ ସ୍ମାରକ ସମ୍ମାନ (୨୦୧୦): 
   ଏକାଡେମୀ ଅଫ୍ ବେଙ୍ଗଲୀ ପୋଏଟ୍ରି, କୋଲକାତା-୭୦୦୦୫୪. 
* ହରିପ୍ରିୟାମୁଣ୍ଡ ସ୍ମାରକୀ ଗଙ୍ଗାଧର ମେହେର ସମ୍ମାନ (୨୦୧୦):  
   ଗଙ୍ଗାଧର ମେହେର କ୍ଳବ୍, ବରପାଲି, ବରଗଡ଼.   
* ଡ. ନୀଳମାଧବ ପାଣିଗ୍ରାହୀ ସମ୍ମାନ (୨୦୧୦): [‘କୋଶଲୀ ମେଘଦୂତ’ ପୁସ୍ତକ ପାଇଁ ] 
   ସମ୍ବଲପୁର ବିଶ୍ବବିଦ୍ୟାଳୟ, ଜ୍ୟୋତିବିହାର, ସମ୍ବଲପୁର.   
* ଏୱାର୍ଡ଼୍ ଅଫ୍ ଏପ୍ରିସିଏଶନ୍ (ଜୟଦେବ ଉତ୍ସବ ୨୦୦୮):   
   ଓଡ଼ିଶୀ ଏକାଡେମୀ, ଲୋଧି ରୋଡ଼୍, ନୂଆଦିଲ୍ଲୀ.  
* ବାଚସ୍ପତି ଗଣେଶ୍ବର ରଥ ବେଦାନ୍ତାଳଙ୍କାର ସମ୍ମାନ (୨୦୧୩):   
   ବାଲାଜୀ ମନ୍ଦିର ସୁରକ୍ଷା ସମିତି, ପଣ୍ଡିତ ସମ୍ମିଳନୀ, ଭବାନୀପାଟନା.  
* ବିଶ୍ବସଂସ୍କୃତ ଦିବସ ସମ୍ମାନ (୨୦୧୩):  ମହାବୀର ସାଂସ୍କୃତିକ ଅନୁଷ୍ଠାନ,
   ଭବାନୀପାଟନା.   
* ଏକାମ୍ର ସମ୍ମାନ (୨୦୧୮): କେଦାରନାଥ ଗବେଷଣା ପ୍ରତିଷ୍ଠାନ, ଭୁବନେଶ୍ବର. 
* ଗଙ୍ଗାଧର ମେହେର ସମ୍ମାନ (୨୦୧୮):  ଗଙ୍ଗାଧର ମେହେର ପ୍ରତିଷ୍ଠାନ, ଭୁବନେଶ୍ବର. 
* ରାଜ୍ୟସ୍ତରୀୟ ଗଙ୍ଗାଧର ମେହେର ସ୍ମୃତିସମ୍ମାନ (୨୦୨୦): ଗଙ୍ଗାଧର ମେହେର  
   ସ୍ମୃତି ସମିତି ଓ ରାଜଜ୍ଯୋତି ସେବାସମିତି, ଟିଟିଲାଗଡ଼, ବଲାଙ୍ଗିର.  
* ସର୍ବଶ୍ରୀ ସାହିତ୍ୟ ସମ୍ମାନ (୨୦୨୧): ସର୍ବଶ୍ରୀ ସବାଖିଆ ସାହିତ୍ୟ ସଂସଦ, 
ଭବାନୀପାଟଣା, କଳାହାଣ୍ଡି. 
* ଗୀତିସଂସ୍କୃତ-ମହାକବିଃ ରାଷ୍ଟ୍ରିୟ ସମ୍ମାନ (୨୦୨୩): ଲୋକଭାଷା ପ୍ରଚାର ସମିତି, ପୁରୀ. 
* ବ୍ୟାସଭାରତୀ ସମ୍ମାନ (୨୦୨୩): ମହର୍ଷି ବ୍ୟାସଦେବ ରାଷ୍ଟ୍ରିୟ ପ୍ରାଚ୍ୟବିଦ୍ୟା ଗବେଷଣା କେନ୍ଦ୍ର, ରାଉରକେଲା, ଓଡ଼ିଶା.
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ସାହିତ୍ୟିକ ସଂବର୍ଦ୍ଧନା ଓ ଅଭିନନ୍ଦନ : 
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    * ଖଡ଼ିଆଳ ସାହିତ୍ୟ ସମିତି, ଖଡ଼ିଆଳ (୧୯୯୮) 
    * ଗଦାଧର ସାହିତ୍ୟ ସଂସଦ, କୋମନା, ନୂଆପଡ଼ା (୧୯୯୮) 
    * ସମ୍ବଲପୁର ବିଶ୍ବବିଦ୍ୟାଳୟ, ଜ୍ୟୋତିବିହାର (୨୦୦୦) 
    * ଶିକ୍ଷାବିକାଶ ପରିଷଦ, କଳାହାଣ୍ଡି, ଭବାନୀପାଟନା (୨୦୦୩) 
    * କଳାହାଣ୍ଡି ଲେଖକ କଳା ପରିଷଦ, ଭବାନୀପାଟନା (୨୦୦୩) 
    * ଅଭିରାମ ସ୍ମୃତି ପାଠାଗାର ଟ୍ରଷ୍ଟ, ଭବାନୀପାଟନା (୨୦୦୬) 
    * ଉଦନ୍ତୀ ମହୋତ୍ସବ, ସିନାପାଲି, ନୂଆପଡ଼ା (୨୦୧୨)   
    * କଳାହାଣ୍ଡି ଲେଖକ କଳା ପରିଷଦ, ବନାନୀ କବି ସମ୍ମିଳନୀ, 
       ଭବାନୀପାଟନା (୨୦୧୩) 
    * ଗଙ୍ଗାଧର ସାରସ୍ବତ ସମିତି, ସିନାପାଲି, ନୂଆପଡ଼ା (୨୦୧୬) 
    * ନିଖିଳ ଓଡ଼ିଶା ମେହେର ଭୁଲିଆ ସମାଜ, ସମ୍ବଲପୁର (ପଦ୍ମପୁର ମହାସଭା, ୨୦୧୮) 
    * ସରକାରୀ ସ୍ବୟଂଶାସିତ ମହାବିଦ୍ୟାଳୟ, ସଂସ୍କୃତବିଭାଗ, ଭବାନୀପାଟନା (୨୦୧୮) 
    * ମହର୍ଷି ବ୍ୟାସଦେବ ରାଷ୍ଟ୍ରିୟ ପ୍ରାଚ୍ୟବିଦ୍ୟା ଗବେଷଣାକେନ୍ଦ୍ର, ରାଉରକେଲା, ଓଡ଼ିଶା (୨୦୨୦) 
    * ମାଟିଲଗ୍ନା ସାହିତ୍ୟ ସଂସଦ, ଓଡ଼ିଶା, 
       (ରାଜ୍ୟସ୍ତରୀୟ ସାହିତ୍ୟ ମହୋତ୍ସବ, କଳାହାଣ୍ଡି,  ୨୦୨୧)
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* ଓଡ଼ିଶା ଶିକ୍ଷାସେବା (Odisha Education Service) ରେ ୧୯୮୧ ରେ 
   ସଂସ୍କୃତ ଅଧ୍ୟାପକ ରୂପେ ଯୋଗଦାନ । ବିଭିନ୍ନ ସରକାରୀ ମହାବିଦ୍ୟାଳୟରେ   
   ଅଧ୍ୟାପନା ।  ପଞ୍ଚାୟତ ମହାବିଦ୍ୟାଳୟ, ବରଗଡ଼ (୧୯୮୧-୧୯୮୮);  
   ଫକୀରମୋହନ ମହାବିଦ୍ୟାଳୟ, ବାଲେଶ୍ବର (୧୯୮୮-୧୯୯୨);  
   ସରକାରୀ ସ୍ବୟଂଶାସିତ ମହାବିଦ୍ୟାଳୟ, ଭବାନୀପାଟନା (୧୯୯୨-୨୦୧୨);  
   ଗଙ୍ଗାଧର ମେହେର ସ୍ବୟଂଶାସିତ ମହାବିଦ୍ୟାଳୟ, ସମ୍ବଲପୁର (୨୦୧୨-୨୦୧୪)। 
   ୧୯୮୧ ରୁ ଅଧ୍ୟାପକ, ୧୯୮୬ ରୁ ବରିଷ୍ଠ ଅଧ୍ୟାପକ, 
   ୧୯୯୪ ରୁ  ରିଡର୍ (ପ୍ରାଧ୍ୟାପକ), ୧୯୯୯ ରୁ ବରିଷ୍ଠ ପ୍ରାଧ୍ୟାପକ ।      

ଗଙ୍ଗାଧର ମେହେର ସ୍ବୟଂଶାସିତ ମହାବିଦ୍ୟାଳୟ, ସମ୍ବଲପୁରର  ସ୍ନାତକୋତ୍ତର 
ସଂସ୍କୃତ ବିଭାଗରେ  ବରିଷ୍ଠ ପ୍ରାଧ୍ୟାପକ ଓ ମୁଖ୍ୟ ଭାବରେ କାର୍ଯ୍ୟରତ ରହି 
୫୮ ବର୍ଷ ବୟସରେ  ତା: ୩୧-୫-୨୦୧୪ ରେ ଓଡ଼ିଶା ଶିକ୍ଷାସେବାରୁ ଅବସର ଗ୍ରହଣ ।
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ପ୍ରମୁଖ ସାହିତ୍ୟିକ କୃତି (ପ୍ରକାଶିତ) : 
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୧.  ବନାରସ ହିନ୍ଦୁ ବିଶ୍ବବିଦ୍ୟାଳୟରେ ପ୍ରସ୍ତୁତ ପିଏଚ୍.ଡି. ଗବେଷଣା ଗ୍ରନ୍ଥ 
      ‘Philosophical Reflections in the Naisadhacarita’   
       (ISBN : 81-85094-21-7) 
       ପୁନ୍ଥି ପୁସ୍ତକ. ୩୬/୪ବି, ବିଧାନ ସରଣୀ, କଲିକତା-୪,  ୧୯୮୯. 

୨.  ‘ନୈଷଧ-ମହାକାବ୍ୟେ ଧର୍ମଶାସ୍ତ୍ରୀୟ-ପ୍ରତିଫଲନମ୍’ 
     ଧର୍ମଶାସ୍ତ୍ର ବିଭାଗ, ଶ୍ରୀଜଗନ୍ନାଥ-ସଂସ୍କୃତ-ବିଶ୍ବବିଦ୍ୟାଳୟ, ପୁରୀ, ୧୯୯୪. 

୩.  ସାହିତ୍ୟଦର୍ପଣ: ଅଳଙ୍କାର (ଓଡ଼ିଆ-ସଂସ୍କୃତ ବ୍ୟାଖ୍ୟା ସହ) 
     ISBN : 81-7411-12-7, ବିଦ୍ୟାପୁରୀ, ବାଲୁବଜାର, କଟକ-୨, ୧୯୯୫. 

୪.  ଶ୍ରୀକୃଷ୍ଣ ଜନ୍ମ (ମୌଳିକ କବିତା), ୧୯୭୭. 
୫.  ଶ୍ରୀରାମରକ୍ଷାସ୍ତୋତ୍ର (ଶିବରକ୍ଷାସ୍ତୋତ୍ର ସହ ଓଡ଼ିଆ ପଦ୍ୟାନୁବାଦ), ୧୯୭୭. 
୬.  ଶିବତାଣ୍ଡବ ସ୍ତୋତ୍ର, ୧୯୭୮. 
୭.  ବିଷ୍ଣୁସହସ୍ର ନାମ, ୧୯୭୮. 
୮.  ଗାୟତ୍ରୀସହସ୍ର ନାମ, ୧୯୮୨. 
      (୫ ରୁ ୮ ଓଡ଼ିଆ ପଦ୍ୟାନୁବାଦ ଓ ସଂପାଦନା) 
      ପ୍ରକାଶକ : ବାଣୀ ଭଣ୍ଡାର, ବ୍ରହ୍ମପୁର, ଗଞ୍ଜାମ, ଓଡ଼ିଶା  
୯.  ମନୋହର ପଦ୍ୟାବଳୀ (ସଂପାଦନା), ପ୍ରକାଶକ : ନାରାୟଣ ଭରସା ମେହେର, 
       ମନୋହର କବିତାବାସ, ସିନାପାଲି, ୧୯୮୫. 
୧୦. ମାତୃଗୀତିକାଞ୍ଜଲିଃ (ଆଧୁନିକ ମୌଳିକ ସଂସ୍କୃତ ଗୀତିକାବ୍ୟ) 
       କଳାହାଣ୍ଡି ଲେଖକ କଳା ପରିଷଦ, ଭବାନୀପାଟନା, ୧୯୯୭.
୧୧. ତପସ୍ବିନୀ (ସ୍ବଭାବକବି ଗଙ୍ଗାଧର ମେହେର-କୃତ ଓଡ଼ିଆ କାବ୍ୟର ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ ହିନ୍ଦୀ ଅନୁବାଦ) 
        ସମ୍ବଲପୁର ବିଶ୍ବବିଦ୍ୟାଳୟ, ଜ୍ୟୋତି ବିହାର, ଓଡ଼ିଶା, ୨୦୦୦.
୧୨. Tapasvini of Gangadhara Meher   
        (ସ୍ବଭାବକବି ଗଙ୍ଗାଧର ମେହେର-କୃତ ଓଡ଼ିଆ କାବ୍ୟର ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ ଇଂରାଜୀ ଅନୁବାଦ) 
        ISBN : 81-87661-63-1,  ଆର୍. ଏନ୍. ଭଟ୍ଟାଚାର୍ଯ୍ୟ, ଏ-୧୨୭, 
        ଏଚ୍. ବି. ଟାଉନ୍, ସୋଦେପୁର, କୋଲକାତା- ୭୦୦୧୧୦, ୨୦୦୯. 
୧୩.  କୋଶଲୀ ମେଘଦୂତ (କାଳିଦାସ-କୃତ ସଂସ୍କୃତ ‘ମେଘଦୂତ’ କାବ୍ୟର ସଂପୂର୍ଣ୍ଣ 
         କୋଶଲୀ ଗୀତ ଅନୁବାଦ)  ISBN : 13 978-93-80758-03-9.
         ପ୍ରକାଶକ : ‘ତୃପ୍ତି’, ଭୁବନେଶ୍ବର-୭୫୧୦୦୨, ଓଡ଼ିଶା, ୨୦୧୦.
୧୪.  ତପସ୍ବିନୀ ((ସ୍ବଭାବକବି ଗଙ୍ଗାଧର ମେହେର-କୃତ ଓଡ଼ିଆ କାବ୍ୟର   
         ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ ସଂସ୍କୃତ ଅନୁବାଦ) ISBN:  978-81-7110-412-3.
         ପରିମଲ ପବ୍ଳିକେଶନ୍‌ସ୍, ୨୭/୨୮ ଶକ୍ତିନଗର, ଦିଲ୍ଲୀ-୭, ୨୦୧୨. 

*  କାବ୍ୟରାଜିର ପଦ୍ୟାନୁବାଦ ପ୍ରକାଶିତ: 
     ଯାଜପୁରର ପ୍ରସିଦ୍ଧ 'ବର୍ତ୍ତିକା' ମୁଖପତ୍ର ଦଶହରା ବିଶେଷାଙ୍କଗୁଡ଼ିକରେ ପ୍ରକାଶିତ: 
    [ସଂସ୍କୃତ କାବ୍ୟରାଜିର ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ ଓଡ଼ିଆ ପଦ୍ୟାନୁବାଦ] 
    ୧. ନୀତି-ଶତକ (ଭର୍ତ୍ତୃହରି), ୧୯୯୫-୯୭. 
    ୨. ଶୃଙ୍ଗାର-ଶତକ (ଭର୍ତ୍ତୃହରି), ୧୯୯୮. 
    ୩. ବୈରାଗ୍ୟ-ଶତକ (ଭର୍ତ୍ତୃହରି), ୧୯୯୯. 
    ୪. ନୈଷଧଚରିତ-ନବମ ସର୍ଗ (ଶ୍ରୀହର୍ଷ), ୨୦୦୦. 
    ୫. କୁମାରସମ୍ଭବ-ପଞ୍ଚମ ସର୍ଗ (କାଳିଦାସ), ୨୦୦୧. 
    ୬. ରଘୁବଂଶ-ଦ୍ବିତୀୟ ସର୍ଗ (କାଳିଦାସ), ୨୦୦୨.
    ୭. କୁମାରସମ୍ଭବ-ସପ୍ତମ ସର୍ଗ (କାଳିଦାସ), ୨୦୦୪. 
    ୮. କୁମାରସମ୍ଭବ-ପ୍ରଥମ ସର୍ଗ (କାଳିଦାସ), ୨୦୦୫. 
    ୯. କୁମାରସମ୍ଭବ-ଦ୍ବିତୀୟ ସର୍ଗ (କାଳିଦାସ), ୨୦୦୬. 
   ୧୦. କୁମାରସମ୍ଭବ-ଅଷ୍ଟମ ସର୍ଗ (କାଳିଦାସ), ୨୦୦୯. 
   ୧୧. ଋତୁସଂହାର - ସଂପୂର୍ଣ୍ଣ (କାଳିଦାସ), ୨୦୧୫. 
   ୧୨. ଗୀତଗୋବିନ୍ଦ - ସଂପୂର୍ଣ୍ଣ (ଜୟଦେବ), ୨୦୧୬. 
   ୧୩. ମେଘଦୂତ - ସଂପୂର୍ଣ୍ଣ (କାଳିଦାସ), ୨୦୧୭. 
   ୧୪. ରଘୁବଂଶ - ଷଷ୍ଠ-ସପ୍ତମ ସର୍ଗ (କାଳିଦାସ), ୨୦୧୮. 
   ୧୫. କୁମାରସମ୍ଭବ - ତୃତୀୟ-ଚତୁର୍ଥ ସର୍ଗ (କାଳିଦାସ), ୨୦୧୯.
   ୧୬. କୁମାରସମ୍ଭବ - ଷଷ୍ଠ ସର୍ଗ (କାଳିଦାସ), ୨୦୨୦. 
   ୧୭. ରଘୁବଂଶ - ତୃତୀୟ ସର୍ଗ (କାଳିଦାସ), ୨୦୨୧. 
   ୧୮. ଶ୍ରୀମଦ୍ଭଗବଦ୍-ଗୀତା - ସଂପୂର୍ଣ୍ଣ (ବ୍ୟାସଦେବ), ୨୦୨୨. 
* କୋଶଲୀ ମେଘଦୂତ (ମେଘଦୂତ-କାବ୍ୟର ସଂପୂର୍ଣ୍ଣ କୋଶଲୀ ଗୀତ ଅନୁବାଦ), ୨୦୦୩. 
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* କବିବର ରାଧାନାଥ ରାୟଙ୍କ ‘ବର୍ଷା’ ଓଡ଼ିଆ ପଦ୍ୟର ସଂସ୍କୃତାନୁବାଦ
      (ଲୋକଭାଷା-ସୁଶ୍ରୀଃ ପତ୍ରିକା, ପୁରୀ, ୨୦୦୬) 
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* ଅପ୍ରକାଶିତ କୃତି (ମୌଳିକ): 
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ସଂସ୍କୃତରେ : ୧. ପୁଷ୍ପାଞ୍ଜଳି-ବିଚିତ୍ରା (ଆଧୁନିକ ଗୀତିକାବ୍ୟ) 
                 ୨. ସ୍ୱସ୍ତି-କବିତାଞ୍ଜଳିଃ (ଆଧୁନିକ ଗୀତିକାବ୍ୟ)
                 ୩. ସାରସ୍ବତାୟନମ୍ (ଶୋଧ-ପ୍ରବନ୍ଧାବଳୀ) 
                 ୪. ସୌନ୍ଦର୍ୟ-ସନ୍ଦର୍ଶନମ୍ (ସୌନ୍ଦର୍ଯ୍ଯଶାସ୍ତ୍ରବିଷୟକ କାବ୍ୟ) 
                 ୫. ସାବିତ୍ରୀନାଟକମ୍    
                 ୬. ଜୀବନାଲେଖ୍ୟମ୍ (ଆଧୁନିକ କବିତାସଂଗ୍ରହ)  
                 ୭. ମୌନବ୍ୟଞ୍ଜନା (ଆଧୁନିକ କବିତାସଂଗ୍ରହ) 
                 ୮. ଅସ୍ରମଜସ୍ରମ୍ (ଆଧୁନିକ କବିତାସଂଗ୍ରହ)
                 ୯. ହାସିତାସ୍ୟା ବୟସ୍ୟା (ହାଇକୁ-ସିଜୋ-ତାନ୍‌କା କବିତାସଂଗ୍ରହ)  
               ୧୦. ଉତ୍କଲୀୟ-ସତ୍କଲା (ଗୀତିକାବ୍ୟ) 
               ୧୧. ସ୍ତବାର୍ଚ୍ଚନ-ସ୍ତବକମ୍ (ସ୍ତୋତ୍ରକାବ୍ୟ) 
               ୧୨. ସୂକ୍ତି-କସ୍ତୂରିକା  (ସୂକ୍ତିକାବ୍ୟ) 
               ୧୩. ମେହେରୀୟ-ଛନ୍ଦୋମାଲା. 

ଓଡ଼ିଆରେ : ୧. ଆଲୋଚନାର ପଥେ (ଶୋଧପ୍ରବନ୍ଧାବଳୀ) 
      ୨. ଭଞ୍ଜୀୟ-କାବ୍ୟାଲୋଚନା   ୩. ଭଞ୍ଜ-ସାହିତ୍ୟରେ ଜଗନ୍ନାଥ-ତତ୍ତ୍ବ  
      ୪. ଘେନ ନୈଷଧ ପରାୟେ   ୫. ଓଡ଼ିଆ ରୀତି ସାହିତ୍ୟରେ ଦାର୍ଶନିକ ଚିନ୍ତନ 
      ୬. ନିବନ୍ଧାୟନ  ୭. କବିତାବଳୀ  ୮. ଶିଖଣ୍ଡୀକାବ୍ୟ  ୯. ସତୀ ସାବିତ୍ରୀ (ନାଟକ) 
      ୧୦. ଓଡ଼ିଆ ବର୍ଣ୍ଣମାଳାର କୃତ୍ରିମ ସମସ୍ୟା. 

ଇଂରାଜୀରେ : 1. POEMS  OF THE MORTALS   
                   2.  GLORY  (Research Articles and Essays). 

ହିନ୍ଦୀରେ : ୧. ହିନ୍ଦୀ ସାରସ୍ବତୀ   ୨. କୁଛ୍ କୱିତା-ସୁମନ୍ । 
କୋଶଲୀରେ : ୧. କୋଶଲୀ ଗୀତମାଲା.
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* ଅପ୍ରକାଶିତ କୃତି (ଅନୁବାଦ): 
 [ସଂସ୍କୃତ କାବ୍ୟରାଜିର ଓଡ଼ିଆ ପଦ୍ୟାନୁବାଦ]
 ୧. ଶ୍ରୀମଦ୍‌ଭଗବଦ୍‌ଗୀତା (ବ୍ୟାସଦେବ)   ୨. କୁମାରସମ୍ଭବ (କାଳିଦାସ)   
 ୩. ରଘୁବଂଶ (କାଳିଦାସ) 

ସ୍ବଭାବକବି ଗଙ୍ଗାଧର ମେହେର-କୃତ ଓଡ଼ିଆ କାବ୍ୟରାଜିରୁ :
        ୧.   ପ୍ରଣୟ-ବଲ୍ଲରୀ (ହିନ୍ଦୀ ଓ ସଂସ୍କୃତ ଅନୁବାଦ) 
        ୨.   ଅର୍ଘ୍ୟଥାଳୀ (ନିର୍ବାଚିତ କବିତାବଳୀ: ହିନ୍ଦୀ-ଇଂରାଜୀ-ସଂସ୍କୃତ ଅନୁବାଦ) 
        ୩.   କୀଚକବଧ (ହିନ୍ଦୀ ଅନୁବାଦ) 

ଅନ୍ୟାନ୍ୟ :  ୧. ଶିବତାଣ୍ଡବ ସ୍ତୋତ୍ର (ଇଂରାଜୀ ଅନୁବାଦ) 
               ୨.  ମାତୃଗୀତିକାଞ୍ଜଲି (ହିନ୍ଦୀ ଅନୁବାଦ) 
               ୩. ଜୟଦେବ-କୃତ ଗୀତଗୋବିନ୍ଦ (ଇଂରାଜୀ ଅନୁବାଦ) 
               ୪. ଚଳଚିତ୍ର-ଗୀତ-ସଂସ୍କୃତାୟନମ୍ (ହିନ୍ଦୀ ଚଳଚିତ୍ର-ଗୀତରାଜିର 
                    ମୂଳସ୍ବରାନୁସାରୀ ଗେୟାନୁକୂଳ ସଂସ୍କୃତାନୁବାଦ) ଅନ୍ତର୍ଜାଲରେ ସ୍ଥାନିତ। 
               ======== 

      ଡକ୍ଟର୍ ହରେକୃଷ୍ଣ ମେହେର 
       ଅବସରପ୍ରାପ୍ତ ବରିଷ୍ଠ ରିଡର୍ ଓ ମୁଖ୍ୟ, ସ୍ନାତକୋତ୍ତର ସଂସ୍କୃତ ବିଭାଗ, 
       ଗଙ୍ଗାଧର ମେହେର ସ୍ବୟଂଶାସିତ ମହାବିଦ୍ୟାଳୟ,  
       ସମ୍ବଲପୁର - ୭୬୮୦୦୪ (ଓଡ଼ିଶା)  
                           *         
                    Dr. HAREKRISHNA  MEHER 
                                   M.A. Gold Medalist (BHU), OES-1,
                                   Ph.D. (BHU), Diploma in German 
                        Retired  Sr. Reader and Head, 
                        Post-Graduate Department of Sanskrit, 
                        Gangadhar Meher Autonomous College 
                     Sambalpur -768004, Odisha, India. 

                   Mobile : + 91-94373-62962.
                   e-mail :  meher.hk@gmail.com   
                   website :  http://www.hkmeher.blogspot.com / 
                                    http://www.tapasvini-kavya.blogspot.com   
                                    https://hkmeher.wordpress.com 
 
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Related Links :             
* Biodata in English : 
*
Biodata (Hindi-English-Sanskrit-Odia) :  
Images of Some Books : 

For More Details :  

Biodata : MY WORKS AND ACHIEVEMENTS :  http://hkmeher.blogspot.com/2007/07/my-biodata.html  

Interview in 'BARTIKA' Magazine:  


Contributions of Harekrishna Meher to Sanskrit Literature:

http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2013/04/contributions-of-drharekrishna-meher-to.html?m=1

Places where Works of Harekrishna Meher are discussed, cited, reviewed 
in  Research and other fields: 

http://hkmeher.blogspot.com/2010/06/places-where-drharekrishna-meher-and.html?m=1

Chalachitra-Gita-Samskritaayanam :

http://hkmeher.blogspot.com/2017/05/chalachitra-gita-sanskritayanam.html?m=1
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Wednesday, May 12, 2021

TAPASVINI MAHAKAVYA: तपस्विनी महाकाव्य : SANSKRIT VERSION COMPLETE : By Dr.Harekrishna Meher

Tapasvini of Poet Gangadhar Meher : Sanskrit Version: 
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https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=5075364599156375&id=100000486559190
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SANSKRIT VERSION OF TAPASVINI MAHAKAVYA
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* Tapasvini * Original Odia Mahakavya : 

Authored by:
Swabhavakavi Gangadhar Meher (1862-1924)

*
Complete Tri-lingual Hindi-English-Sanskrit Translations: 

By: Dr. Harekrishna Meher

(All Published)
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-

HINDI Tapasvini 
(Translated in 1983):
'तपस्विनी'
Publisher: Sambalpur University, Jyoti Vihar, Sambalpur, Odisha, 2000.

*
ENGLISH Tapasvini
(Translated in 1983):
'Tapasvini of Gangadhara Meher'
Publisher: R.N.Bhattacharya, Sodepur, Kolkata, 2009.
*

SANSKRIT Tapasvini
(Translated in 1997): 
'तपस्विनी महाकाव्यम्'
Publisher: Parimal Publications, Shaktinagar, Delhi, 2012.
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All Three Translations are completely available on web.
Blogsite Link:

http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2013/05/complete-tapasvini-kavya-hindi-english.html
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SANSKRIT TAPASVINI :
Web-Link : 

Praak-kathanam:
http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2013/05/sanskrit-tapasvini-praak-kathanam.html
*
Mukhabandha:
http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2013/04/sanskrit-tapasvini-preface.html
*
Research Article on Tapasvini: 
http://hkmeher.blogspot.com/2011/07/gangadhara-mehers-tapasvini-sanskrit.html
*
Canto-1 :
http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2013/04/sanskrit-tapasvini-canto-1_6328.html
*
Canto-2 :
http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2013/04/sanskrit-tapasvini-canto-2.html
*
Canto-3 :
http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2013/04/sanskrit-tapasvini-canto-3.html
*
Canto-4 :

http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2013/04/sanskrit-tapasvini-canto-4_6.html
*
Canto-5 :

http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2013/04/sanskrit-tapasvini-canto-5.html
*
Canto-6 :

http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2013/05/sanskrit-tapasvini-canto-6.html
*
Canto-7 :

http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2013/05/sanskrit-tapasvini-canto-7.html
*
Canto-8 : 

http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2013/05/sanskrit-tapasvini-canto-8.html
*
Canto-9 : 

http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2013/05/sanskrit-tapasvini-canto-9.html
*
Canto-10 : 

http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2013/05/sanskrit-tapasvini-canto-10.html
*
Canto-11 (Last):

http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2013/05/sanskrit-tapasvini-canto-11.html
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Enlarged Research Article Published in Sanskrit E-Journal *PRACHI PRAJNA* Volume-5, December 2018 :
कवि-गङ्गाधरमेहेर-कृतं तपस्विनी-महाकाव्यम् : एकमनुशीलनम् *
Link: (ARTICLE LINK given there):
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=3023916970967825&id=100000486559190
= = = 
A Beautiful Depiction of Dawn (Usha) in the pen of Prakriti-Kavi Gangadhar Meher: (मङ्गळे अइला उषा): 

Link: https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=4948795725146597&id=100000486559190

= = = = 
कवि गङ्गाधरमेहेर-प्रणीत ‘तपस्विनी’ महाकाव्य का 
हरेकृष्णमेहेर-कृत संस्कृतानुवाद : एक समीक्षण * 

(Hindi Review Article Published in
‘DRIK’, Volume 28-29, 2012-2013, pages-42-49,
Drig Bharati, Yojana-3, Jhusi, Allahabad, Uttar Pradesh):

http://hkmeher.blogspot.com/2015/05/sanskrit-tapasvini-of-harekrishna-meher_14.html?m=1
* * *
Hindi-English-Sanskrit Articles on Tapasvini:
http://hkmeher.blogspot.com/2011/08/my-hindi-english-sanskrit-articles-on.html
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Related Links : 

Contributions of Dr.Harekrishna Meher to Sanskrit Literature :

https://hkmeher.blogspot.com/2013/04/drharekrishna-mehers-contributions-to.html

*

Biodata: Dr. Harekrishna Meher : 

http://hkmeher.blogspot.com/2012/06/brief-biodata-english-dr-harekrishna.html

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