Sanskrit Version of Original Hindi Song
* Khoya Khoya Chand Khula Aasman *
खोया खोया चांद खुला आसमां *
Film 'Kala Bazaar' (1960)
= = = = = =
Sanskrit Translation by : Dr. Harekrishna Meher
(As per Original Hindi Tune)
Sanskrit Version Lyrics : * लुप्तश्चन्द्रमा: विमुक्ताम्बरम् *
‘Luptashchandramaah Vimuktambaram’.
---------------
Winner in Sanskrit Lyric Translation Competition
Conducted by Sanskrit Vaartaavali, DDNEWS Channel, Delhi.
Song Program Telecast on 13 March 2021, Saturday at 6 pm.
Sanskrit Singer: Kuldeep Joshi (New Delhi)
---------------
Courtesy and Gratitude to :
DDNEWS, Sanskrit Vaartavali: Full Episode (13 March 2021):
YouTube Link : https://youtu.be/GdMSwDZitks
========
Separate Video Song: YouTube: HKMeher Channel: Link :
=========
हिन्दी गीत: * खोया खोया चांद *
मूलस्वरानुकूल-संस्कृतानुवादक: डा. हरेकृष्ण-मेहेर:
======
लुप्तश्चन्द्रमा:, विमुक्ताम्बरम्,
नेत्रे वै सर्वा शर्वरी गन्ता,
निद्रा वा कीदृक् त्वामप्यायाता ।
लुप्तश्चन्द्रमा: ।। (०)
*
मत्तो यदा, समीरोsवहत्,
हृत्कलिरियं प्रफुल्लाsभवत् ।
मनसोsयनं समान्दोलितम्,
आकारय तामवश्यम् ।। ओहो..हो..
लुप्तश्चन्द्रमा: ।। (१)
*
तारावली च दृश्योच्चया:,
सर्वमचलत् समं तद् मया ।
परितोsचलद् हि नैकेङ्गितम्,
कस्यापि वै भव त्वम् ।। ओहो..हो..
लुप्तश्चन्द्रमा: ।। (२)
*
रात्री ह्येवम्, सिक्तेवेयम्,
करयो: करौ च सा स्यु: साकम् ।
ब्रूयामेवं हि तां हृद्-वाचम् ।
पीडय नाधुना त्वम् ।। ओहो.. हो..
लुप्तश्चन्द्रमा: ।। (३)
*
यस्या: कृते, उच्छन्नोsस्म्यहम्,
मौनं गता सा वाग्-वर्जितम् ।
कोsपि हि वदेत् तामीषद् गिरम् ,
नो एवं स्वीकुरु त्वम् ।। ओहो.. हो..
लुप्तश्चन्द्रमा: ।।
लुप्तश्चन्द्रमा: ।। (४)
=======
Blog Link :
Sanskrit Version of 'Khoya Khoya Chand' : http://hkmeher.blogspot.com/2021/03/khoya-khoya-chand-sanskrit-version.html
* Facebook Link : https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=6022279021131590&id=100000486559190
* Twitter Link : https://twitter.com/DrHarekrishnaM/status/1371434693019639808?s=19
========
मूल हिन्दीगीत: खोया खोया चांद *
चलचित्र - काला बाजार (१९६०) *
गीतकार - शैलेन्द्र *
संगीतकार - सचिन देव बर्मन् *
गायक - मोहम्मद रफी *
========
खोया खोया चांद, खुला आसमां,
आंखों में सारी रात जाएगी,
तुमको भी कैसे नींद आएगी ।
खोया खोया चांद ।। (०)
*
मस्तीभरी हवा जो चली,
खिल-खिल गयी, ये दिल की कली ।
मन की गली में है खलबली ।
कि उनको तो बुलाओ । ओहो.. हो..
खोया खोया चांद ।। (१)
*
तारे चले नजारे चले,
संग-संग मेरे, वो सारे चले ।
चारों तरफ इशारे चले ।
किसीके तो हो जाओ । ओहो.हो..
खोया खोया चांद ।। (२)
*
ऐसी ही रात, भीगी-सी रात,
हाथों में हाथ, होते वो साथ ।
कह लेते उनसे दिल की ये बात ।
अब तो ना सताओ । ओहो..हो..
खोया खोया चांद ।। (३)
*
हम मिट चले, हैं जिनके लिये,
बिन कुछ कहे, वो चुप-चुप रहे ।
कोई ज़रा, ये उनसे कहे ।
ना ऐसे आजमाओ । ओहो..हो..
खोया खोया चांद ।
खोया खोया चांद ।। (४)
=======
Related Link :
= = = = = = = =
* चलचित्र-गीत-संस्कृतायनम् *
http://hkmeher.blogspot.com/2017/05/chalachitra-gita-sanskritayanam.html?m=1
= = =
* Contributions of
Dr.Harekrishna Meher to Sanskrit Literature :
https://hkmeher.blogspot.com/2013/04/drharekrishna-mehers-contributions-to.html
* Biodata: Dr. Harekrishna Meher :
http://hkmeher.blogspot.com/2012/06/brief-biodata-english-dr-harekrishna.html
= = =