Saturday, December 30, 2017

‘आधुनिक संस्कृत-साहित्य में काव्य-दिशा : एक आलोकन’ (Adhunika Sanskrit Sahitya Mein Kavya-Disha: Ek Alokan): Dr. Harekrishna Meher

आधुनिक संस्कृत-साहित्य में काव्य-दिशा : एक आलोकन’  
* डॉ. हरेकृष्ण मेहेर  
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‘Adhunika Sanskrit Sahitya Mein Kavya-Disha: Ek Alokan’  
(Hindi Research Article on Modern Sanskrit Literature)
By: Dr. Harekrishna Meher  
*
Published in ‘प्राची प्रज्ञा’ (अन्तर्जाल-पत्रिका).
*
Peer Reviewed Refereed E-Journal in Sanskrit :
‘Prachi Prajna’ (ISSN 2348-8417), Vol. V, 2017.
शास्त्र-मञ्जुषा Section of the Journal : 
Link :
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(This Hindi Article is a revised and extended form of Sanskrit Research Article
‘Adhunika-Sanskrita-Vangmaye Kavya-Dhara’. Hindi Article is meant for  non-Sanskrit readers also.)
Ref : Sanskrit Article Published in प्राची प्रज्ञा
Peer Reviewed Refereed E-Journal in Sanskrit :
‘Prachi Prajna’ (ISSN 2348-8417), Vol. III, Dec. 2016.
शास्त्र-मञ्जुषाSection of the Journal :
Link :
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This Sanskrit Article Posted on HKMeher’s Blog : Link:
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Saturday, December 23, 2017

‘Khilte Hain Gul Yahaan’ Song: Sanskrit Version (Lyrics: सुस्मितमिह सूनम्): Dr. Harekrishna Meher : DD News Vaartavali

Original Hindi Film Song : खिलते हैं गुल यहाँ 
‘Khilte Hain Gul Yahaan’ : Film ‘Sharmilee’ (1971) 
*
Sanskrit Translation by :  Dr. Harekrishna Meher
(As per Original Hindi Tune)
Sanskrit Version Lyrics : सुस्मितमिह सूनम् , स्मितमिदं विकृतये  *  
“Susmitamiha Sunam, Smitamidam Vikrtaye”  
*
Sanskrit Singer : Rajesh Upadhyaya (Gurugram)  
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YouTube Video Link : HKMeher Channel : 
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Winner in Sanskrit Lyric Translation Competition Sanskrit Singer 
conducted by Sanskrit Vaartaavali, DD News Channel, Delhi.
Program telecast on Saturday, 23 December 2017 at 7 pm.
Repeated also on Sunday, 24 December 2017 at 12.30 pm.         
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Vaartavali: Full Episode : YouTube Link :
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Vaartvavali: Complete Sanskrit Version Song: FaceBook Link : 
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मूलहिन्दी-गीत : खिलते हैं गुल यहाँ  *    
चलचित्र : शर्मीली (१९७१)  *
मूलस्वरानुकूल-संस्कृतानुवादकः - डॉहरेकृष्ण-मेहेर:
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सुस्मितमिह सूनम् , स्मितमिदं विकृतये । 
मेलनमिह हृदाम् , मिलितं हि वियुतये । 
सुस्मितमिह सूनम्  ()
*
श्वो भवेन् नाथवाएष ऋतुः प्रेमदः ।  
श्वो रोधिता न वादोला वासन्तिका ।
प्रेम्णि यापयाद्य यत् , आप्यते चतुष्पलम्   
सुस्मितमिह सूनम् , स्मितमिदं विकृतये ।
सुस्मितमिह सूनम्  (
*
भाति ह्रदाधरम्जीमूत-रागि वै ।   
वक्षसि सूनानाम् , शीत-शीत-पावकः । 
दर्पणे हृदस्त्वया, बिम्ब एष धार्यताम्   
सुस्मितमिह सूनम् , स्मितमिदं विकृतये ।
सुस्मितमिह सूनम्  (
*
हृत् प्रिये ! तर्षितम् , तर्षितेयं निशा । 
अस्फुरन्त्यधरयोः, मधुरा काचिद् गिरा ।
एष्वद्य क्षणेषु  तेहर्षमर्पयाखिलम् ।
सुस्मितमिह सूनम् , स्मितमिदं विकृतये ।  
मेलनमिह हृदाम् , मिलितं हि वियुतये । 
सुस्मितमिह सूनम्  (
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HKMeher FaceBook Link :
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Original Hindi Song : खिलते हैं गुल यहाँ  *
Film : ‘Sharmilee’ (1971) *    
Hindi Lyricist :  Neeraj *
Music Director :  Sachin Dev Burman *
Singer :   Kishore Kumar * 
Hindi Sing: YouTube : https://www.youtube.com/watch?v=HBgKPyi1aXA
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खिलते हैं गुल यहाँ, खिलके बिखरने को ।
मिलते हैं दिल यहाँ, मिलके बिछड़ने को
खिलते हैं गुल यहाँ  ॥ ()
*
कल रहे ना रहेमौसम ये प्यार का  ।
कल रुके न रुकेडोला बहार का ।
चार पल मिले जो आज, प्यार में गुज़ार दे । 
खिलते हैं गुल यहाँ   ()
*
झीलों के होंठों परमेघों का राग है ।  
फूलों के सीने मेंठंडी-ठंडी आग है ।
दिल के आइने में तूये समाँ उतार  ले ।
खिलते हैं गुल यहाँ  (
*
प्यासा है दिल सनमप्यासी ये रात है ।  
होंठों में दबी-दबीकोई मीठी बात है । 
इन लम्हों पे आज तूहर खुशी निसार दे ।
खिलते हैं गुल यहाँ, खिलके बिखरने को ।
मिलते हैं दिल यहाँ, मिलके बिछड़ने को
खिलते हैं गुल यहाँ  ॥ (
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Related Links :
‘Chalachitra-Gita-Sanskritaayanam’: चलचित्र-गीत-संस्कृतायनम्  : 
(Anthology of Sanskrit Versions of Film Songs) 
Link : 
* * *   
Biodata: Dr. Harekrishna Meher :
* * * 
YouTube Videos (Search): Dr. Harekrishna Meher:
* * * 
VIDEOS of Dr. Harekrishna Meher :  
Link : 
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Monday, November 27, 2017

‘O Majhi Re, Apnaa Kinaara’ Song: Sanskrit Version: Lyrics 'नौवाह रे ! स्वकीयं प्रतीरम्' : Dr. Harekrishna Meher: Vaartavali

Original Hindi Film Song : माँझी  रे ! अपना किनारा
‘O Majhi Re, Apna Kinara’ (Film ‘Khushboo’,1975) 
*
Sanskrit Translation by :  Dr. Harekrishna Meher
(As per Original Hindi Tune)
Sanskrit Version Lyrics : नौवाह रे ! स्वकीयं प्रतीरम्, सरितोऽस्ति धारा वै * 
"Nauvaaha Re ! Svakiyam Pratiram, Sarito'sti Dhaara Vai"  
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Winner in Sanskrit Lyric Translation Competition
conducted by Sanskrit Vaartaavali, DD News Channel, Delhi.
Program telecast on Saturday, 25-11-2017 at 6.30 pm.
Repeated on Sunday, 26-11-2017 at 12.30 pm.    
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Sanskrit Song : HKMeher's YouTube Link : 
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Vaartavali: Full Episode : YouTube Link :
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Vaartavali: Complete Sanskrit Song: Link :
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HKMeher FaceBook Link : 
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मूलहिन्दी-गीत : माँझी रे ! अपना किनारा  *
चलचित्र :  खुशबू (१९७५)  *
मूलस्वरानुकूल-संस्कृतानुवादकः - डॉहरेकृष्ण-मेहेर
संस्कृत-गायकः : फिरोजः (जयपुरम्)  
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नौवाह  रे  !  नौवाह  रे  ! 
स्वकीयं  प्रतीरम् , सरितोऽस्ति धारा वै । 
नौवाह  रे !  स्वकीयं प्रतीरम् ,
सरितोऽस्ति धारा वै    नौवाह  रे ! ()
*
पार्श्व-तीरे  प्लवन-रत हे  !  
कदा क्वचिद् वा नूनं श्रुतम्  । ओ  
हो., वर्त्तते हि   क्वापि तीरम् ,
कार्गजीनां  नावां कृते  
नौवाह  रे ! (नौ)वाह  रे !
कोऽपि तटो वा, यस्तटेन संयुतोऽसौ,  
स्वकीयं  प्रतीरं  वै   
नौवाह  रे !  स्वकीयं प्रतीरम्
सरितोऽस्ति धारा वै    नौवाह  रे  !  (
*
तोय-मध्ये  संप्लवन्ते,
तटा विभग्नाः  सन्तो नैके । ओ
हो., सम्मिलन्तः  सन्ति मार्गे,  
कदा सहायाः  विश्लिष्टा ये ।  
नौवाह  रे  !  (नौ)वाह  रे !
कोऽपि सहायो मध्येधारं यो मिलेद् वा,  
स्वकीयः सहायो वै    
नौवाह  रे ! स्वकीयं प्रतीरम्, सरितोऽस्ति धारा वै  
सरितोऽस्ति धारा वै, सरितोऽस्ति धारा वै  ()
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[* कर्गजस्य इयम्, कार्गजी, कार्गजा वा, नौः इत्यस्य षष्ठी-बहुवचने, कार्गजीनां कार्गजानां वा नावाम् ]
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Original Hindi Song from Film ‘Khushboo’ *   
मूलहिन्दी-गीत : माँझी रे ! अपना किनारा  *
चलचित्र : खुशबू (१९७५)  *  गीतकार : गुलज़ार  *
संगीतकार : राहुल देव बर्मन्गायक : किशोर कुमार  *
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ओ माँझी  रे  !  ओ माँझी  रे  ! 
अपना किनारा, नदिया की धारा है   
ओ माझी  रे ! अपना किनारा, नदिया की धारा है  ()
*
साहिलों पे  बहनेवाले,   
कभी सुना तो होगा कहीं  । ओ... 
कागज़ों की  कश्तियों का,
कहीं किनारा  होता नहीं
माँझी रे  !  माँझी रे  !  
कोई किनारा, जो किनारे से मिले वो,  
अपना किनारा है    
माँझी रे  ! अपना किनारा,
नदिया की धारा है  ॥ ओ माझी रे  ! ()
*
पानियों में  बह रहे हैं,
कई किनारे  टूटे हुए  । ओ
हो., रास्तों में  मिल गये हैं,
कभी सहारे  छूटे हुए   
माँझी रे  !  माँझी रे  ! 
कोई सहारा  मझधारे  में मिले जो,
अपना सहारा है    
माँझी रे  ! अपना किनारा,  
नदिया की धारा है ।
नदिया की धारा हैनदिया की धारा है  ()
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 Related Links :
‘Chalachitra-Gita-Sanskritaayanam’: चलचित्र-गीत-संस्कृतायनम्  : 
(Anthology of Sanskrit Versions of Film Songs) 
Link : 
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Biodata: Dr. Harekrishna Meher :
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YouTube Videos (Search): Dr. Harekrishna Meher:
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VIDEOS of Dr. Harekrishna Meher  
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