Tuesday, August 22, 2017

'Jayatu Janani' Song of Dr. Harekrishna Meher on DD News Vaartavali (Independence Day Special)

Special Song in Sanskrit presented 
on the occasion of Independence Day 
Telecast on DD NEWS Channel,Delhi, 

Sanskrit "Vaartavali" Program 
on 15 August 2017 at 6.30 pm. 

*
'Jayatu Janani' Song of Harekrishna Meher included there.  
= = = = = = 

Lyricists : 

Janardana Hegde 

and 
Harekrishna Meher
*
Music Composer and Singer : Kuldeep Joshi  
= = = = = = = = 


YouTube
Video : Link : 

= = = = = = = = = = = = = = 

= = = = = = = = 

FaceBook : Link :  
https://www.facebook.com/harekrishna.meher.7/posts/2052231201469745?pnref=story
= = = = = = = = = 

Related Links : 
Biodata: Dr. Harekrishna Meher :
* * * 
YouTube Videos (Search): Dr. Harekrishna Meher:
* * * 
VIDEOS of Dr. Harekrishna Meher  
Link 
* * * 

Sunday, August 6, 2017

‘Raahi Manwa Dukh Ki Chinta’ : Sanskrit Version : (Lyrics पान्थ मनः रे ! दुःखज-चिन्ता): Dr. Harekrishna Meher

Original Hindi Film Song : राही मनवा दुख की चिन्ता’ *
‘Raahi Manwa Dukh Ki Chinta’ (Film ‘Dosti’ 1964) 
*
Sanskrit Translation by :  Dr. Harekrishna Meher
(As per Original Hindi Tune)
Sanskrit Version Lyrics : पान्थ मनः रे !  दुःखज-चिन्ता * 
‘Paantha Manah Re ! Duhkhaja-Chinta’  
*
Participated in Sanskrit Lyric Translation Competition
Conducted by Sanskrit Vaartaavali, DD News Channel, Delhi.
Name enlisted in the Program telecast on 5-8-2017,
Saturday at 9.30 pm and 6-8-2017, Sunday at 12.30 pm.   
*
For pleasure of reading, my translation as sent for competition,
not selected, is placed here.  
= = = = = = = = = = = = = = = = = = =
हिन्दी-गीत : राही मनवा दुख की चिन्ता’ *
चलचित्रदोस्ती  *
मूलस्वरानुकूल-संस्कृतानुवादकः - डॉ. हरेकृष्ण-मेहेर:
= = = = = = = = = = = = = = = = = =

दुःखं वा सुखम्,
किमपि नो सङ्गि यदा नित्यं हि   
तद् दुःखं  खलु स्वीकार्यम्,
स्वीक्रियते चेद्  दुःखं नो भावि ॥
*
पान्थ मनः रेदुःखज-चिन्ता बाधते कथम् ?     
स्वीयः सङ्गी वै दुःखम् ।
सुखमेव पतन्ती छाया, आयाति यातीयम्,
स्वीयः सङ्गी वै दुःखम् ।
पान्थ मनः रेदुःखज-चिन्ता बाधते कथम् ?     
स्वीयः सङ्गी वै दुःखम्  ()
*
दूरे हि लक्ष्यम्  अस्तु दूरे  
प्रेम परं नौ  किं न्यूनम्  ?  
चरणे लक्षं कण्टकानाम्,   
एष सहायः  किं न्यूनः
सहगन्ता हि कश्चिद् आत्मीयस्ते ।
सुखमेव पतन्ती छाया, आयाति यातीयम्,
स्वीयः सङ्गी वै दुःखम् ।
पान्थ मनः रेदुःखज-चिन्ता बाधते कथम् ?     
स्वीयः सङ्गी वै दुःखम्  ()  
*
भवतीह दुःखे  ज्वलितो वै  
सरणी-दीपो नेत्र-युगे ।
अवनेरियद्-बहु-विशालायाः 
दीर्घे विविक्ते तन्मार्गे ।
सहगन्ता हि कश्चिद् आत्मीयस्ते ।  
सुखमेव पतन्ती छाया, आयाति यातीयम्,
स्वीयः सङ्गी वै दुःखम् ।
पान्थ मनः रेदुःखज-चिन्ता बाधते कथम् ?     
स्वीयः सङ्गी वै दुःखम् 
स्वीयः सङ्गी वै दुःखम्  ()
= = = = = = = = = = = = = = 

FaceBook : Link : 
= = = = = = = = = = = = = = 

Original Hindi Song from Film ‘Dosti’  
मूलहिन्दी-गीत : राही मनवा दुख की चिन्ता *
गीतकार मजरूह सुलतानपुरी  *
संगीतकार  : लक्षीकान्त-प्यारेलाल *
गायक  : मोहम्मद-रफी *
= = = = = = = = = = = =
दुःख हो या सुख,
जब सदा संग रहे ना कोय ।
फिर दुख को अपनाइये,
कि जाये तो दुःख ना होय ॥
*
राही मनवा ! दुख की चिन्ता क्यूँ सताती है,
दुख तो अपना साथी है ।
सुख है एक छाँव ढलती, आती है जाती है
दुख तो अपना साथी है ।
राही मनवा ! दुख की चिन्ता क्यूँ सताती है,
दुख तो अपना साथी है  ॥ ()
*
दूर है मंजिल  दूर सही
प्यार हमारा क्या कम है ।
पग में काँटे  लाख सही,
पर ये सहारा क्या कम है ।
हमराह तेरे कोई अपना तो है । 
सुख है एक छाँव ढलती, आती है जाती है
दुख तो अपना साथी है  ।
राही मनवा ! दुख की चिन्ता क्यूँ सताती है,
दुख तो अपना साथी है  ॥ ()
*
दुख है कोई तब जलते हैं,
पथ के दीप निगाहों में ।
इतनी बड़ी इस दुनिया की
लम्बी अकेली राहों में ।
हमराह तेरे कोई अपना तो है । 
सुख है एक छाँव ढलती, आती है जाती है
दुख तो अपना साथी है ।
राही मनवा ! दुख की चिन्ता क्यूँ सताती है,
दुख तो अपना साथी है  (
= = = = = = = = = = = = =  
 Related Links :
‘Chalachitra-Gita-Sanskritaayanam’: चलचित्र-गीत-संस्कृतायनम्  
(Anthology of Sanskrit Versions of Film Songs) 
Link : 
* * *   
Biodata: Dr. Harekrishna Meher :
* * * 
YouTube Videos (Search): Dr. Harekrishna Meher:
* * * 
VIDEOS of Dr. Harekrishna Meher  
Link 
* * *