Kalaa Thaakura (Kosali
Song - Bhajan)
Lyrics and Tuning By : Dr. Harekrishna Meher
(From * Koshali
Geet-Maalaa*)
* * * *
कला ठाकुर (कोशली कृष्ण-भजन)
गीत एवं स्वर-रचना : डक्टर् हरेकृष्ण मेहेर
= = = = = = = = = =
कला कला मेघे तमर्
रूप् देखि करि उषत् हेसि मोर्
मन्-मजूर ।
कला कोइलिर् गलानुँ
कुहु-कुहु ताने झरि आएसि
बएँशी सुर ।
कला ठाकुर ॥ (०)
*
तमे सुन्दर् कला-बरन हो,
बृन्दाबनर् नील रतन ।
रूप् तमर् नील गगन हो,
गोपीनाथ नन्दर् नन्दन ।
पाशे हउ कि दूरे
तमर् बेनु-सुरे
राधा मीरा सङ्गे सभे आतुर ।
कला ठाकुर ॥ (१)
*
काह्ना तमर् कलिआ चिह्ना हो,
केलि-कदम् नील जमुना ।
पर्भु तमर् दरशन् बिना हो,
हुरुद् मोर् अन्धार छिना ।
आस थरे इने
बुलि जिब छने
उजल् हेइ जिबा मोर् अन्तर ।
कला ठाकुर ॥ (२)
*
केन् जाने तमर् महिमा हो,
तार् किछु नाइँन सीमा ।
जेते दिन् सँसारे थिमा हो,
तमर् नाम् जश गाएमा ।
तमर् धिआन् करि
जीबन् जाउ सरि
शिरी-पादे आमर् कोटि जुहार ।
कला ठाकुर ॥ (३)
= = = = = = = =
Related Links :
कोशली गीतमाला : Kosali Geeta-Mala (Anthology
of Original Kosali Songs)
By : Dr. Harekrishna Meher
Link :
*
Biodata (English):
*
Literary Works of Dr. Harekrishna Meher :
Link :
* * *
Contributions of
Dr. Harekrishna Meher to Sanskrit Literature:
*
*
Translated Works of Dr. Harekrishna Meher :
No comments:
Post a Comment