Original Hindi Film Song : ‘Kisi Raah Mein Kisi Mod Par’ *
किसी राह में किसी मोड़ पर * (Film ‘Mere Hamsafar’ 1970)
*
Sanskrit Translation by
: Dr.Harekrishna Meher
(As per Original Hindi Tune)
Sanskrit Version Lyrics : कस्मिंश्चित् पथे विवर्त्ते क्वचित्
*
‘Kasminshchit Pathe Vivarte Kvachit’
*
Participated in Sanskrit Lyric Translation Competition
Conducted by Sanskrit Vaartaavali, DD News Channel,
Delhi.
Name enlisted in the Program Telecast on 5 December 2020,
Saturday at 6 pm.
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हिन्दीगीत : किसी राह में किसी मोड़ पर *
* (चलचित्रम् : मेरे
हमसफ़र )
मूलस्वरानुकूल-संस्कृतानुवादकः - डॉ. हरेकृष्ण-मेहेरः
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(स्त्री)
कस्मिंश्चित् पथे, विवर्त्ते क्वचित्,
न मां हित्वा याहि वै, क्वापि त्वम् ।
सहयात्रिन् ! मे, सहयात्रिन् ! मे ॥
(पु)
दशायां क्वचित्, वृत्ते क्वापि वा,
न मां हित्वा याहि वै, क्वापि त्वम् ।
मम सङ्गिनि !, सहयात्रिणि ! ॥ (०)
*
(स्त्री)
मम हृद् ब्रूते, क्वचित् स्यान्नेदम्,
नहि, स्यान्नेदम्, नहि स्यान्नेदम् ।
क्वचिद् वासरे त्वद्-वियुक्ताहम्
भ्रमेयं त्वामन्विष्य, प्रतिद्वारम् ।
सहयात्रिन् ! मे, सहयात्रिन्
! मे ॥ (१)
*
(पु)
वासन्त्यस्ति छाया हि ते वर्णः,
रूपं भाति ते प्रेम-दर्पणः ।
एहि गोपायानि, स्वनेत्रे त्वा,
त्वयि स्यान् नो लग्ना, दृष्टिः क्व वा
।
मम सङ्गिनि !, सहयात्रिणि ! ॥ (२)
*
(स्त्री) त्वत्सङ्गोऽस्ति चेद्, आस्ते जीवितम्,
(पु) प्रेमा तेऽस्ति चेद्, ज्योति-र्दीपितम् ।
(स्त्री) क्व वा याता दिवसोऽयं, किं ज्ञातम् ।
(पु) भवेद् यामिनी क्व वा, किं वृत्तम् ।
मम सङ्गिनि ! सहयात्रिणि
! ॥ (३)
*
(स्त्री) कस्मिंश्चित् पथे,
(पु) विवर्त्ते क्वचित्,
(स्त्री) न मां हित्वा याहि वै, क्वापि
त्वम् ।
(उभौ) सहयात्रिन् ! मे, सहयात्रिन् ! मे ॥
मम सङ्गिनि ! सहयात्रिणि ! ॥
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हिन्दीगीत : किसी राह में किसी मोड़ पर *
चलचित्र : मेरे हमसफर (१९७०)
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गीतकार : आनन्द बक्शी *
सङ्गीतकार : कल्याणजी
आनन्दजी *
गायक : लता मंगेशकर एवं मुकेश *
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(स्त्री)
किसी राह में किसी मोड़ पर,
कहीं चल न देना तू छोड़कर ।
मेरे हमसफर , मेरे हमसफर
!
(पु)
किसी हाल में किसी बात पर,
कहीं चल न देना तू छोड़कर ।
मेरे हमसफर , मेरे हमसफर
! ॥ (०)
*
(स्त्री)
मेरा दिल कहे कहीं ये ना
हो,
नहीं, ये ना हो, नहीं, ये ना हो ।
किसी रोज तुझसे बिछड़के मैं
तुझे ढूँढती फिरूँ दर-वदर
।
मेरे हमसफर , मेरे हमसफर
! ॥ (१)
*
(पु)
तेरा रंग साया बहार का,
तेरा रूप आईना प्यार का ।
तुझे आ नज़र में छुपा लूँ मैं
तुझे लग ना जाये कहीं नज़र ।
मेरे हमसफर , मेरे हमसफर
! ॥ (२)
*
(स्त्री) तेरा साथ है ओ है ज़िन्दगी,
(पु) तेरा प्यार है तो है रोशनी ।
(स्त्री) कहाँ दिन ये ढल जाये क्या पता,
(पु) कहाँ रात हो जाये क्या खबर ।
मेरे हमसफर , मेरे हमसफर ! ॥ (३)
*
(स्त्री) किसी राह में
(पु) किसी मोड़ पर,
(स्त्री) कहीं चल न देना तू छोड़कर ।
(उभय) मेरे हमसफर , मेरे हमसफर
! ॥
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Related Links :
‘Chalachitra-Gita-Sanskritaayanam’: चलचित्र-गीत-संस्कृतायनम् :
Link : http://hkmeher.blogspot.com/2017/05/chalachitra-gita-sanskritayanam.html
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Biodata: Dr.
Harekrishna Meher :
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YouTube Videos (Search): Dr. Harekrishna
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