Tuesday, June 2, 2020

Usko Nahin Dekha Hamne Kabhi: Sanskrit Version (Lyrics: न कदाचिदस्माभिः तल्लोकितम्): Dr.Harekrishna Meher: DDNEWS Vaartaavali

Original Hindi Film Song : उसको नहीं देखा हमने कभी * 
 ‘Usko Nahin Dekha Hamne Kabhi’*  
Film ‘DAADI MAA’ (1966) *
Sanskrit Translation by :  Dr. Harekrishna Meher
(As per Original Hindi Tune)
Sanskrit Version Lyrics :
न कदाचिदस्माभिः तल्लोकितम् *     
‘Na Kadaachidasmaabhih Tallokitam’ *  
Sanskrit Singer : Shrirang Bhave (Mumbai, Maharashtra)  
*
Winner in Sanskrit Lyric Translation Competition
Conducted by Sanskrit Vaartaavali, DD News Channel, Delhi.
Program Telecast on 23 May 2020, Saturday at 6 pm.
*Courtesy : DD NEWS Channel, Sanskrit Vaartavali, Delhi.
Sanskrit Vaartavali: Full Episode (23-5-2020)
Link: https://youtu.be/CA3KrWyIvUs
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 ‘Usko Nahin Dekha Hamne Kabhi’: Sanskrit Version :
HKMeher Blog-Link : 
http://hkmeher.blogspot.com/2020/06/usko-nahin-dekha-hamne-kabhi-sanskrit.html
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YouTube : HKMeher Channel : 

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हिन्दीगीतम् : उसको नहीं देखा हमने कभी * (चलचित्रम् : दादी माँ)
मूलस्वरानुकूल-संस्कृतानुवादकः डॉ. हरेकृष्ण-मेहेरः
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न कदाचिदस्माभिः तल्लोकितम्, 
तदीयं तु प्रयोजनं किं भविता ।
मातः !, मातः ! भिन्नं वै तव रूपतः     
परमेश्वर-रूपं किं भविता, किं भविता । 
न कदाचिदस्माभिः तल्लोकितम् ॥ (०)
*
किमु मानवा देवाश्च सर्वे, परिपालिता अञ्चले ते ।
स्वर्गोऽस्ति इह संसारे, पदयुग्म-तले वै ते ।   
ममतामेव यच्छति यदक्षियुगम्, ओ..ओ.. 
ममतामेव यच्छति यदक्षियुगम्,
काचिदेवं मूर्त्तिः किं भविता ।
मातः !, मातः ! भिन्नं वै तव रूपतः     
परमेश्वर-रूपं किं भविता, किं भविता ।
न कदाचिदस्माभिः तल्लोकितम् ॥ (१) 
*
ज्वलयेत् किमु दुःखोत्तापः, किमु क्लेश-घनो वर्षेत् ।  
हस्तौ तव साशीर्वादौ, वर्त्तेते सदा शीर्षे ।
त्वं मार्गे तामिस्रे यद् राजसे, ओ..ओ..
त्वं मार्गे तामिस्रे यद् राजसे,
नः सूर्य-प्रयोजनं किं भविता । 
मातः !, मातः ! भिन्नं वै तव रूपतः
परमेश्वर-रूपं किं भविता, किं भविता ।
न कदाचिदस्माभिः तल्लोकितम् ॥ (२)
*
ब्रुवते ये च त्वद्-माननायाम्, किमप्युच्चं नो वचनम् ।  
निकषाऽपि मात-र्भगवन्तम्, तव प्रेम्णो  न हि मूल्यम् ।
एतद् विजानीमः, त्वत्तो महत्, ओ..ओ..   
एतद् विजानीमः, त्वत्तो महत्,
सांसारिक-विभवं किं भविता । 
मातः !, मातः ! भिन्नं वै तव रूपतः
परमेश्वर-रूपं किं भविता, किं भविता ।
न कदाचिदस्माभिः तल्लोकितम् ॥ (२)
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Alternative Words :
* एतौ हस्तौ मङ्गलदौ / हस्तौ तव साशीर्वादौ । 
* दाति हि / यच्छति  
* त्वत्तो महत् / त्वत्तो वरम् । 
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FaceBook : Link: 
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हिन्दीगीत :  उसको नहीं देखा हमने कभी  *  
चलचित्र : दादी माँ (१९६६) *  गीतकार : मजरूह सुलतानपुरी *
सङ्गीतकार : रोशन *  गायक : महेन्द्र कपूर, मान्ना दे *
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उसको नहीं देखा हमने कभी,
पर इसकी जरूरत क्या होगी । 
ऐ माँ ! ऐ माँ ! तेरी सूरत से अलग,  
भगवान की सूरत क्या होगी, क्या होगी ।
उसको नहीं देखा हमने कभी ॥ (०)
*
इनसान तो क्या देवता भी, आँचल में पले तेरे ।
है स्वर्ग इस दुनिया में, कदमों के तले तेरे । 
ममता ही लुटाये जिसके नयन, ओ..ओ..
ममता ही लुटाये जिसके नयन,
ऐसी कोई मूरत क्या होगी ।
ऐ माँ ! ऐ माँ ! तेरी सूरत से अलग,
भगवान की सूरत क्या होगी, क्या होगी ।
उसको नहीं देखा हमने कभी ॥ (१)
*
क्यों धूप जलाये दुःखों की, क्यों गम की घटा बरसे ।
ये हाथ दुआओंवाले, रहते हैं सदा सर पे ।
तू है तो अन्धेरे पथ में हमें, ओ..ओ..
तू है तो अन्धेरे पथ में हमें,
सूरज की जरूरत क्या होगी ।
ऐ माँ ! ऐ माँ ! तेरी सूरत से अलग,
भगवान की सूरत क्या होगी, क्या होगी ।
उसको नहीं देखा हमने कभी ॥ (२)
*
कहते हैं तेरी शान में जो, कोई ऊँचे बोल नहीं ।
भगवान के पास भी माता, तेरे प्यार  का मोल नहीं ।
हम तो यही जानें, तुझसे बड़ी, ओ..ओ..
हम तो यही जानें, तुझसे बड़ी,
संसार की दौलत क्या होगी ।  
ऐ माँ ! ऐ माँ ! तेरी सूरत से अलग,
भगवान की सूरत क्या होगी, क्या होगी ।
उसको नहीं देखा हमने कभी ॥ (३)
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